Sandeep Maheswari Success Motivational Story in Hindi

      Sandeep Maheswari Success Motivational Story in Hindi 

                      संदीप माहेश्वरी की सफलता की कहानी :

संदीप माहेश्वरी – वैसे इस नाम को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है लेकिन एक पंक्ति में कहें तो लाखों करोड़ो लोगों में जिंदगी जीने की, जीतने की उम्मीद जगाता है ये इंसान और ये कोई छोटी बात नहीं है|

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एक साधारण परिवार में जन्म लिए संदीप माहेश्वरी, उनके भी खुद के सपने थे, संघर्ष थे, दिक्कतें थीं, इंकार थे, असफलताएं थीं, आज हम आपको संदीप माहेश्वरी  के बारे में इनकी जीवन यात्रा के बारे में डिटेल में बतायेंगे…

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Sandeep Maheswari Success Motivational Story in Hindi

दिल्ली स्टेट के एक मिडिल क्लास फैमिली में  संदीप माहेश्वरी  का जन्म हुआ था, दो कमरे वाले घर में इनका बचपन बीता है| जब वो छोटे थे तब उनके पड़ोस में एक लड़का लाल साईकल चला रहा था तो उन्होंने अपने घर पर जाकर, अपने पापा से कहा की मुझे भी ऐसी ही साईकल चाहिए तो उनके पापा ने जवाब दिया था की मैं कोई टाटा – बिरला नहीं हूँ की तुम्हारी हर ख्वाईश, तुम्हारे हर सपने को पूरा कर दूं|

इस छोटे से बालक संदीप को वैसे तो ये बात, समझ में नहीं आई और फिर उसने अपनी माँ से जाकर पूछा की, माँ ये टाटा – बिरला क्या होता है ?

माँ ने जवाब दिया की बेटा ये वो लोग हैं जिनके पास बहुत सारे पैसे हैं और तभी संदीप ने निर्णय ले लिया की अगर ऐसा ही है तो ठीक है फिर, मैं भी बड़ा होकर टाटा-बिरला जरूर बनूँगा|

लेकिन उसके बाद सब संदीप का मज़ाक बनाने लगे, हँसने लगे और इन सब बातों से अब वह हताश होने लगा था| उसने अब सोचना शुरू कर दिया था की मुझे अब कैसे भी करके 10000-12000 की नौकरी ही मिल जाये तो ठीक है|

लोगों ने, रिलेटिव्स ने सबने उस बच्चे के सपने का मजाक तो बना ही दिया और उसे ह्तोत्शाहित भी कर दिया क्योंकि दुनिया को लगता है, आज भी लगता है की मध्यम वर्गीय परिवार का लड़का, टाटा बिरला नहीं बन सकता है|

जब संदीप माहेश्वरी पंद्रह सोलह साल के हुए तब उनके परिवार को एक बहुत ही बड़ी मुसीबत ने घेर लिया| उनके पिताजी का बीस साल पुराना एल्युमीनियम का बिजनेस बंद हो गया, पार्टनरशिप में कुछ अनबन हो जाने के कारण|  

इनकम पूरी तरह से बंद होते ही तकलीफें बढ़ने लगी, परिवार का गुजारा करना, मुश्किल होने लगा जिसकी वजह से उनके पिता जी निराशा में रहने लगे|

संदीप माहेश्वरी ने सोचा की मुझे अब कोई न कोई काम शुरू कर देना चाहिए| छोटी सी उम्र में उन्होंने एसटीडी पीसीओ पर काम करना शुरू कर दिया और कॉलसेंटर और कई दूसरी जगह पर इंटरव्यूज भी दिए जॉब के लिए लेकिन हर जगह से उन्हें रिजेक्शन मिला| 

हर जगह से नाकामयाबी मिलने के बाद वो खुद भी अब बहुत निराश हो गए थे, टूटने लगे थे सोचने लगे थे की कहीं से भी, कैसा भी काम मिल जाए जिसके मुझे मंथली आठ से दस हज़ार ही मिल जायें तो बहुत है लेकिन ऐसा नहीं हुआ| 

तकलीफों के साथ वक़्त बीतता गया| जब संदीप जी अट्ठारह साल के हुए तो उनका एक दोस्त उन्हें एक मल्टीनेशनल कम्पनी के सेमिनार में लेकर गया, तीन घंटे के सेमिनार में वैसे तो, संदीप माहेश्वरी जी को कुछ समझ नहीं आया लेकिन जब एक 21 साल का लड़का, सेमिनार के अंत में स्टेज पर पहुँचा और उसने कहा की मैं आज महीने के 250000 ढाई लाख रुपये कमाता हूँ, ये सुनकर संदीप माहेश्वरी दंग रह गए उन्होंने ये सोचा की अगर ये कर सकता हो तो मैं भी तो कर सकता हूँ|

उस दिन उन्हें समझ आ गया था की पैसा हर कोई कमा सकता है और उसके बाद उन्होंने उस कम्पनी को ज्वाइन भी किया और मेहनत भी बहुत ज्यादा की लेकिन फेल हो गए लेकिन इस बार वो टूटे नहीं| 

और उन्होंने अब दूसरे कामो में भी हाथ आजमाना शुरू कर दिया| उन्होंने माडलिंग करना शुरू कर दिया और उनको यहाँ भी असफलता ही हाथ लगी और इस बार भी टूटे नहीं और इस दौरान उन्होंने गौर किया की अधिकतर माँडलिंग एजेंसी धोखेबाज होती हैं जबकि मॉडल्स इतना संघर्ष कर रहे हैं अगर मैं इन लोगों के लिए सही में कुछ करूँ तो लेकिन मैं क्या कर सकता हूँ ?

इस सवाल का जवाब उस वक़्त तो उनके पास नहीं था लेकिन तब ही उनका एक मित्र उनके पास अपना मोडलिंग फोटोग्राफ्स, अपना पोर्टफोलियो लेकर पहुँचा और ये देखते ही संदीप माहेश्वरी को अपने उस सवाल का जवाब मिल गया, उन्होंने सोचा की अब मैं फोटोग्राफी करूँगा लेकिन मुझे तो फोटोग्राफी के बारे में कुछ भी पता नहीं है, मुझे कुछ नहीं आता है तो मुझे सिखाएगा कौन ? 

अब ये सवाल आ गया तो 

इसके लिए उन्होंने दक्षिणी दिल्ली में एक ट्रेनिंग किया दो सप्ताह की,  फोटोग्राफी का एक छोटा सा कोर्स था और इधर-उधर से पैसे इकट्ठे करके कैमरा खरीद लिया, फोटोग्राफी करना शुरू भी कर दिया लेकिन जब इस फील्ड में इंटर किये तब एक बात पता चली की यहाँ पर तो हजारों फोटोग्राफर हैं जो बड़े बड़े कोर्स करके आयें हैं, जिनके पास बहुत ज्यादा एक्सपीरियंस भी हैं तो मेरे साथ काम कौन करेगा मुझे काम कौन देगा ?

ये एक सवाल फिर खड़ा हुआ ..

तब उन्होंने माडलिंग के संघर्ष के दिनों को याद किया, उसके बाद उन्होंने एक लिस्ट बनाई रियल और फ्रॉड मोडलिंग एजेंसीज की और सबको बांटना शुरू कर दिया, उनकी मदद की, कुछ लोग आकर्षित हुए|

अपने घर के एक कोने में ही फोटोशूट के लिए छोटा सा सेटअप करके, वहीँ  पर फोटोग्राफी करना शुरू कर दिया फिर अख़बार में विज्ञापन दिया की मेरे पास आओ और मुफ्त में पोर्टफोलियो शूट करवाओ|

लोग उनके काम से आकर्षित होने लगे साथ में कुछ लोग उन्हें काम के बदले पैसे भी देने लगे| अब महीने का करीब 20000-30000 बीस से तीस हज़ार रुपये भी, वो कमाने लगे थे लेकिन उससे आगे बढ़ नहीं रहे थे| 

फिर उन्हें समझ में आया की फोटोग्राफी में सिर्फ काम का ही नहीं, नाम का बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है तब ऐसा कुछ करने का सोचा की सबकी नजर, उनके काम पर पड़े|

तो सोचा की अब मैं फोटोग्राफी में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाता हूँ|

कैसे करेंगे ? क्या करेंगे ? कुछ भी पता नहीं था , हाँ करेंगे , ये पक्का पता था|

उनका रास्ता मिला और उसके लिए बहुत सारे माडल्स की जरुरत थी, एक अच्छे सेटअप की जरुरत थी, उस समय उनके पास ये सब कुछ था लेकिन इंसान को जब सच में कुछ करना होता है तो कुछ भी करके वो कर ही लेता है बस बस दिल में और दिमाग में निश्चित हो जाना चाहिए|

बारह घंटे के अन्दर सौ से ज्यादा माडल्स की उन्होंने दस हज़ार ऐसी तस्वीरें खिंची जो यूनिक थीं एक दूसरे से बिलकुल भी मिलती नहीं थीं|

साल 2003 में सिर्फ बाईस 22 साल की उम्र में संदीप माहेश्वरी ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया| इस रिकॉर्ड के बाद उनकी एजेंसी इंडिया की टॉप एजेंसीज में आ गई| एजेंसी के अब दो ऑफिस बना दिए गए| फोटोग्राफी की दुनिया में, मोडलिंग की दुनिया में सब उन्हें जानने लगे, पहचानने लगे और काम भी देने लगे|

सब कुछ सेट था लेकिन संदीप माहेश्वरी खुश नहीं थे क्योंकि ये सब तो उनका सेटअप हुआ था न, मोडल्स के लिए जो कुछ करना था ये सोचा था वो टारगेट तो अभी पूरा ही नहीं हुआ था|

मॉडल्स आज भी महंगे महंगे शूट करवाने के बाद भी संघर्ष कर रहे थे, उनको ठीक से काम नहीं मिल रहा था, धोखे हो रहे थे उनके साथ| संदीप माहेश्वरी ने उन सबके लिए मैगज़ीन पब्लिश की, वेबसाइट भी बनाई लेकिन उससे कुछ खास फ़र्क नहीं पड़ा| 

संदीप जी अपसेट थे लेकिन उनका कहना है की हमेशा आप अगर ये मानते हो की आसान है, हो जायेगा तो आसान हो जाता है, रास्ते निकल जाते हैं और एक दिन ऐसा होगा की उनके जानने वाले जो लोग उनके पास हैं उनके पास आयें और बोलने लगें की भाई हमारे पास फोटोशूट करने का समय नहीं है, सेटअप भी नहीं है|

आप हमें अपने द्वारा खिंची हुई फोटो दे दो, हम उसे स्कैन करके हमारी जो ads हैं हम उनमे प्रकाशित कर देंगे, और इस फोटो का हम आपको ढाई हज़ार रुपये भी देंगे, ये बात सुनने के बाद संदीप माहेश्वरी के दिमाग में एक विचार आया| 

यार ये तो बड़ा गजब का काम है, मॉडल्स को काम मिल जायेगा, विज्ञापन एजेंसीज को फोटोग्राफ्स मिल जायेंगे, उनका भी काम बन जायेगा और सबके साथ हमारा भी ग्रोथ हो जायेगा|

खासकर मॉडल्स को जेन्युइन काम हम दे पाएंगे, उन्हें ढूंढना नहीं पड़ेगा, संघर्ष नहीं करना पड़ेगा| इसी घटना के बाद उनको एक और आईडिया आया जिस आईडिया ने उनकी जिंदगी बदल दी और आईडिया था इमेजेज बाज़ार का|

उन्होंने एक कदम और आगे की सोचा की, विज्ञापन एजेंसियां हमारे पास आये हमें खोजकर, फिर हमें वो काम देंगी फिर हम फोटोशूट करेंगे उनको देंगे उससे अच्छा है की हम वहाँ, अपने प्लेटफार्म पर हर तरीके की फोटोग्राफ पहले से ही उपलब्ध करा दें| विज्ञापन एजेंसीज को जैसे फोटोग्राफ्स चाहिए वहाँ से वो लोग खरीद सकते हैं|

यहाँ तक आने की जरुरत नहीं है, हमको ढूँढने की जरुरत नहीं है, समय भी बचेगा विकल्प भी ज्यादा मिल जायेंगे|

इस एक आईडिया ने इंडियन फोटोग्राफ्स की दुनिया की सबसे बड़ी वेबसाइट बना दी| आज आपको न्यूज़ पेपर, मैगज़ीन्स, होर्डिंग्स और पोस्टर्स में जो मॉडल्स दिखतें हैं जो फोटोग्राफ्स दिखतें हैं उसमे से अधिकतर फोटोग्राफ्स संदीप माहेश्वरी के images बाज़ार के होते हैं| 

लेकिन एक बात नोट करने वाली और सीखने वाली है की images बाज़ार से पहले ही उनका बिजनेस सेट हो चुका था अच्छी इनकम शुरू हो गई थी हर तरीके से व्यवस्थित था लेकिन ImagesBazaar के बाद उन्होंने अपना पूरा ध्यान इस पर करने के लिए वो काम बंद किया, दोनों दफ्तर बंद कर दिए थे तब सभी ने कहा की ये संदीप माहेश्वरी पागल हो चुका है तब संदीप माहेश्वरी ने कहा की जी हाँ मैं पागल हो चुका हूँ क्योंकि कुछ भी बड़ा करने के लिए पागल होना बहुत जरूरी है|

और भी बहुत सारी बातें हैं संदीप माहेश्वरी की लाइफ से जुड़ी हुई जैसे की उन्होंने एक किताब पब्लिश की थी लेकिन वो ज्यादा चल नहीं पाई उन्होंने लिक्विड सोप का बिजनेस भी किया उसमे भी फेल हुए, उन्होंने एक इवेंट भी ऑर्गेनाइज किया था अपने दोस्त के साथ मिलकर, उसने धोखा दिया बहुत ही बुरी तरीके से फंस गए थे और भी बहुत सी फेलियर हैं|

उन्होंने अपने बहुत से इंटरव्यूज में अलग अलग जगह पर ये सब बातें की हैं आप इतने सारे वीडियोज इतने सारे उनके जो आर्टिकल्स हैं पढ़ नहीं पाओगे देख नहीं पाओगे| मैटर है आपको सब कुछ एक जगह पर अच्छी प्रेजेंटेशन के साथ मिले|

और अंत में संदीप माहेश्वरी लाखों करोड़ों लोगों को सिर्फ इंडिया के अन्दर ही नहीं इंडिया के बाहर भी लाखों करोड़ो लोगों को अपने सेशंस के माध्यम से गाइड करते हैं, मदद करते हैं, मोटीवेट करते हैं, positivity डिलीवर करते हैं और इस काम के लिए हमारी तरफ से उनको बिग सैल्यूट है |

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