Lamborghini Founder Motivational Life Success Story

Lamborghini Founder Motivational Life Success Story

 Ferruccio Lamborghini

 

Lamborghini Founder की सफलता, एक मोटिवेशनल लाइफ स्टोरी

आप जब, कार्य करना, ख़त्म कर देते हैं तो, आप मरना शुरू करते हैं फारुशियो लेम्बोर्गिनी

Lamborghini Founder Motivational Life Success Story
लेम्बोर्गिनी संस्थापक  

आईये जानते हैं  फारुशियो लेम्बोर्गिनी की जीवनी के बारे में … 

उत्तरी इटली के फेरारा राज्य के, एक छोटे से शहर 
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रेनो-दी-सेंटो में, एक अंगूर उत्पादक किसान एन्टोनियो रहा करते थे| 
 
एन्टोनियो  को  28 अप्रैल 1916 को, एक पुत्र की प्राप्ति हुई| उनके इस बेटे का नाम फारुशियो रखा गया|
 
फारुशियो को बचपन से ही पिता के साथ, खेती के कामों में हाथ बटाने के कारण, उनकी रूचि खेती में प्रयुक्त होने वाली मशीनों में काफी बढ़ गई थी

 

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जबकि खेती करने के तरीके पर, इनका कम ध्यान रहता था| 

 
केनिकल पार्ट्स में, अपनी खास रूचि के कारण, फारुशियो  बड़ा होकर Fratelli Taddia Technical Institute Bologna से अध्ययन किया और फिर मकेनिकल की पढाई के बाद 1940 में इटालियन रॉयल एयर फ़ोर्स, ज्वाइन कर लिया| 
Lamborghini Founder Motivational Life Success Story
सेना में अपनी सेवा देते हुए, रोड्स टापू के, इटालियन चौकी पर, एक मैकेनिक के तौर पर काम किया और उनके अच्छे काम की वजह से, जल्द ही उन्हें, गाड़ियों की मेंटिनेंस इकाई का, सुपरवाईजर बना दिया जाता है|
 
युद्ध के अंत तक साल 1945 में, जब टापू,अंग्रेजो से घिर गया था तब उनको गिरफ्तार कर लिया गया और एक साल तक, फारुशियो अपने  घर वापसी नहीं कर पाए|
 
उन्होंने शादी भी की और 1947 में, उनकी पहली संतान के जन्म के समय,  पत्नी की मृत्यु हो गयी| उनकी पहली संतान, एक लड़का था जिसका नाम टोनिनो (Tonino) हुआ|

व्यापार की शुरुवात 

विश्व युद्ध के ख़त्म होते ही, फारुशियो ने पीवे दी सेंटो Pieve di Cento में, गाड़ी रिपेयरिंग के लिए, एक गैराज खोला| 
 
जिसमे वो खुद, गाड़ियों के स्पेयर पार्ट्स और पुराने इंजिनों की, रिपेयरिंग करने लगे क्योंकि कारें बनाना और कारें खरीदना, उनका पसंदीदा शौक था| 
 
और इसी के चलते अपनी शौक को पूरा करने के लिए, फेर्रुशियो लेम्बोर्गिनी ने  फियट कम्पनी की, टोपोलिनो कार खरीदी और अपने फुर्सत के क्षणों में, उस कार में कुछ न कुछ सुधार करते रहते थे| 
 
इन्ही सबके बीच, फारुशियो लेम्बोर्गिनी के दिमाग में, एक बेहतरीन विचार पर काम करके, उन्होंने सेना से, पुरानी गाड़ियों के इंजिनों को अच्छी कीमत पर खरीदकर, उन इंजिनों का प्रयोग करके, नए ट्रैक्टर बनाने का काम आरम्भ कर किया| 
 
1948 में लेम्बोर्गिनी ट्रटोरी एस. पी. ए. की स्थापना की| 
 
विश्व युद्ध के ख़त्म होने के पश्चात, इटली भी अपनी अर्थ व्यवस्था को बेहतर करने के लिए, कृषि की तरफ बहुत ध्यान देना शुरू कर दिया था| 

 

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इसलिए  ट्रैक्टर के हाई डिमांड के चलते उस समय,  लेम्बोर्गिनी द्वारा, शुरू की गई ये, ट्रैक्टर बनाने की कम्पनी, बहुत ही कम वक़्त में, इटली में ट्रैक्टर बनाने की, बड़ी कंपनियों में से एक, हो चुकी थी|

 

 
फारुशियो, पूरे इटली देश के, मुख्य निर्माता कारोबारी बनकर उभरे, उनके पास अब, रुपये पैसों की भी, कोई कमी शेष, नहीं रह गई थी| 
 
लग्जरी कारों का शौक उनका अब पूरा हो रहा था उन्होंने फेरारी के कई मॉडल ख़रीदे| उनके पास कई कम्पनियों की कारें जिसमे मर्सिडीज बेंज-300SLजैगुआर-ई टाइप, मसेराटी-3500 GT जैसी सुपर कारें,  शुमार हुआ करती थी| 
Lamborghini Founder Motivational Life Success Storyफारुशियो सप्ताह के, प्रत्येक दिन बदलकर, अपनी कारों को इस्तेमाल करते थे और इसी कड़ी में, उस ज़माने की, मशहूर स्पोर्ट्स कार फरारी-250, उन्होंने खरीदी|
 
लेकिन कुछ समय इस्तेमाल करने के बाद, गाड़ी के क्लच में दिक्कतें आने लगी|जिसके कारण उन्हें बार बार, एमिलिया रोमागना के, मारानेल्लो  MARANELLO स्थित फरारी शोरूम लौटना पड़ता था|
 
शोरूम के वर्क शॉप में जो, एक्सपर्ट मैकेनिक होते थे वो फारुशियो की कारों को बनाने के लिए, फारुशियो की नजरों से दूर ले जाते थे|  
जहाँ फारुशियो इंजिन की परख कहीं अधिक जानते थे फारुशियो कहते थे  Mechenics IN MY BLOOD 
 
कई दफा पूर्व में भी, उनके पास उपलब्ध फरारी मॉडल्स के क्लच में, समस्यायें आ चुकी थी| मि. फारुशियो के पास जो भी फरारी कार को इस्तेमाल करते, सभी कारों एक जैसी दिक्कत आया करती थी|
 
फारुशियो का मानना था की, फरारी के क्लच परेशान करते हैं, उनकी गाड़ियाँ, उस समय के लिए अच्छी थी पर शोर बहुत करती थीं और फरारी की कारों को दौड़ने के लिए, उपलब्ध सड़क भी अच्छी नहीं थी| 
 
जिसकी वजह थी की, ग्राहकों  के अनुसार, फरारी कार की छवि, फिर दोबारा प्रयोग हुए ख़राब इंजन और घटिया इंटीरियर वाली कारों की बन चुकी थी|
 
एक बड़ी ट्रैक्टर कम्पनी के मालिक बन चुके फारुशियो लेम्बोर्गिनी , अपनी  पास मौजूद फरारी कार की, कस्टमर सर्विस से, बहुत ही अधिक परेशान  होने के पश्चात, गाड़ी में बार बार आ रही, क्लच की समस्या लेकर, फरारी कार कंपनी के मालिक, एनजो फरारी के पास, पहुँच गए| 
 
फारुशियो ने गाड़ी में मौजूद क्लच की स्थायी समस्या, एनजो फरारी को बता ही रहे थे की, एनजो फरारी ने फारुशियो को, उनकी बातों को पूरा होने से पहले  ही रोक दिया! 
 
एंजो फरारी ने, ट्रैक्टर कम्पनी मालिक, फारुशियो से बोला- सज्जन आदमी, ये आप के बस की बात नहीं है की आप फरारी कार को संभाल सकें, आप ट्रैक्टर चलाने में कहीं ज्यादा सक्षम हैं!
 
फारुशियो लेम्बोर्गिनी की बेज्जती, अत्यंत ही शर्मनाक और घमंडी रवैये के माध्यम से की गई| फारुशियो लेम्बोर्गिनी ने उसी वक़्त सोच लिया की अगर फरारी या कोई और कार कम्पनी, उनके हिसाब से कार बनाकर, उन्हें नहीं दे सकती तो वो खुद, अपने लिए, अच्छी कार बनाने में, समर्थ हैं| 
 
और अब उन्हें लगने लगा था की, फरारी की कारों में, बेहतरीन सफ़र के गुण, उपलब्ध नहीं हैं और फरारी की कारों से, अब स्पर्धा की शुरुवात होनी शेष थी|
 
विश्वास और आस्था से लबालब भर गया था ये इंसान, उनको अब फरारी से अच्छी कारें, बनाना था और सवाल खुद का था, यहाँ पर !

फरारी द्वारा लेम्बोर्गिनी का अपमान और पूरी दुनिया, लेम्बोर्गिनी की कारों की दीवानी हो गई|   

इतिहास में महत्वपूर्ण प्रतिस्पर्धा –  फरारी के द्वारा दिए गए जवाब के अंदाज ने, फारुशियो लेम्बोर्गिनी को, अन्दर तक हिला दिया|
 
चोट सी लगी, फारुशियो के दिल पर| बंदा लौटा और पीवे दी सेंटो शहर में स्थित, अपनी ट्रैक्टर फैक्ट्री में, उन्होंने अपने पास मौजूद, फरारी के एक मॉडल 250 GT को खोल दिया| 
 
फरारी, उस समय की कार निर्माता कम्पनी, के तीन पुराने कर्मचारियों को, अपने साथ लेकर फारुशियो, अपने मनमुताबिक कार बनाने में जुट गए|  अब फरारी के इंजन, फारुशियो लेम्बोर्गिनी की, ट्रैक्टर बनाने वाली फैक्टरी में, उच्च क्वालिटी और उत्तम प्रदर्शन के लिए, तैयार हो रहे थे|
 
फारुशियो ने, अपने कर्मचारियों को सीधा सन्देश दिया की, बेहतर इंटीरियर के बिना, हम आदर्श सफ़र वाली कारें, नहीं बना सकते| 
 
इंजिन में कई सुधार किये गये और सिलिंडर हेड को बदला गया, v12 इंजिन  के ऊपर 6 लेटे हुए कार्बोरेटर, फिट किये गए और मॉडिफाइड लेम्बोर्गिनी बनकर तैयार हुई|  
 
और जिस समय, लेम्बोर्गिनी कार रोड पर दौड़ी तो इसकी स्पीड पहले से 25km/घंटा बढ़ गई थी और फिर अब, लेम्बोर्गिनी कार, फरारी की टेस्ट गाड़ियों को, आसानी से पीछे छोड़ सकने में सक्षम, बन चुकी थी| 
 
बेहतरीन ट्रैक्टर बनाने वाली कम्पनी लेम्बोर्गिनी, अब कार भी बनाने लगी थी और अपनी कारों को बेहतरीन क्षमता, परफोर्मेंस देने के लिए, ट्रैक्टर के पुर्जों का प्रयोग कर रही थी|
 
और जुलाई 1963 में, इटली के सेंट अगाता  शहर के,  46००० वर्गमीटर की जगह के लिए, बोर्ड लगाया गया जो सेंटो शहर से 3० km पर लगाया था  और बोर्ड पर लिखा था LAMBORGHINI FACTORY IS HERE और 30 अक्टूबर 1963 को,ऑटोमोबिली लेम्बोर्गिनी की स्थापना हुई और पहली कार लेम्बोर्गिनी 350GT, 1964 में लांच हुई| 
1966 में आई लेम्बोर्गिनी की मिउरा स्पोर्ट्स कार की, बहुत अच्छी परफोर्मेंस और उत्तम तकनीकी ने लोगो के दिलों में जगह बना ली| कार कम्पनी लेम्बोर्गिनी की, सुपरकारों की दुनिया, दीवानी होने लगी| हर कोई लेम्बोर्गिनी कम्पनी की सुपरकारों को आजमाना चाहता था| 
 
मिउरा ने, ऑटोमेकर लेम्बोर्गिनी को, सुपरकारों की दुनिया में एक नए नवेले नेता के रूप में, पहचान दिलवाई|1966 के अंत तक लेम्बोर्गिनी कार कम्पनी में, कर्मचारियों की संख्या लगभग 300 के आंकड़े तक पहुँच गयी|
 
और वो दौर भी आया जब सारी पत्रिकाओं, रेडियो और अखबार में, फारुशियो ही फारुशियो दिखाई पड़ने लगे थे और उस वक़्त भी वो, सदैव यही बात सबके सामने रखते थे की – हिम्मत और साहस नहीं खोना चाहिए, कभी भी, क्योंकि ये सही है की, प्रत्येक काली रात के पश्चात, एक खुशनुमा सुबह जरूर आती है|
 

लेम्बोर्गिनी का लोगो (प्रतीक चिन्ह)- 

 

Lamborghini Founder Motivational Life Success Story
Lamborghini Company Logo

बताते हैं की, फारुशियो ने, लेम्बोर्गिनी कार कम्पनी का, मार्का चिन्ह बनाया बैल क्योंकि उनकी वृष राशि, ज्योतिष के अनुसार थी और वृष राशि का प्रतीक चिन्ह बैल है|

 
लेम्बोर्गिनी  फारुशियो का अंतिम दिन धरती पर  20 feb 1993 रहा|
 
दोस्तों यह फारुशियो की कहानी आपको अगर अच्छी लगी हो तो आप इसे ज्यादा से ज्यादा कृपा करके शेयर करें और लोगों के बीच ताकि ये   Lamborghini Founder Motivational Life Success Story और भी जनों तक पहुँच सके और अपनी राय कमेंट में अवश्य लिखें|
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