अपनी चिंता मत करो आपकी चिंता करना परमात्मा का काम है

Apni Chinta Mat Karo Apki Chinta Karna Parmatma ka Kaam Hai

दोस्तों आप लोग कैसे हैं उम्मीद है आप लोग बहुत अच्छे होंगे। आज मैं आप लोगों के साथ एक ऐसी कहानी शेयर करने वाला हूं जिससे आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। Apni chinta mat karo apki chinta karna parmatma ka kaam hai

गाँव के एक गरीब लड़के की कहानी 

कहानी कुछ यूं है। एक गांव में एक लड़का था। वह लड़का बहुत गरीब था। समय ऐसे बीतता जा रहा था। साल दर साल बीतते जा रहे थे तो एक दिन क्या होता है?

उस लड़के को यह पता चलता है कि पास वाले गांव में एक बाबा जी आए हैं। सिद्ध बाबा जी उनसे जो भी समस्या लेकर उनके पास कोई जाता था, उसकी समस्या का निराकरण अच्छे से बताते थे। यह बात प्रसिद्ध थी तो ये लड़का भी सोचा क्यों ना मैं भी जाऊं बाबा के पास मिलने। मैं जो इतनी गरीबी से परेशान हूँ इतने सालों से, बाबा जी से जरुर कोई समाधान मिलेगा|

सिद्ध बाबा जी मिलने जाने का निर्णय 

तो भाई यह अपना मूड बनाता है, डिसीजन लेता है और घर से निकल पड़ता है बाबा से मिलने। दो चार गांव छोड़ के वह गांव पड़ता था|

तो जाते जाते क्या होता है? रात हो जाती है, जंगल भी था रास्ते में। रास्ते में चलते समय वह सोचता है कहीं रुकना पड़ेगा|

सफर में मिलने वाले तीन पात्र

तभी उसको बड़ा सा महल दिखाई पड़ता है। वह जाता है उस महल के दरवाजे पर और कहता है कि मैं पास वाले बाबा जी के पास जा रहा हूं और रात हो गई है। मैं रात्रि विश्राम चाहता हूँ| महल के मालिक सेठ जी ने उस लड़के से कहा ठीक है| आप विश्राम कर लो। लेकिन अगर आप बाबा जी के पास जा रहे हो। अपने सवालों का जवाब जानने। तो आप मेरा भी एक सवाल का जवाब लेकर आइएगा साथ में।

वो गरीब लड़का बोलता है ठीक है, मैं आपके भी सवाल का जवाब लेकर आऊंगा। तो सेठ जी ने अपना सवाल उस लड़के को बताया

सेठ जी का सवाल Apni chinta mat karo apki chinta karna parmatma ka kaam hai

की मेरी एक बेटी है वो बोलती नहीं है। बाबा जी से यह पता करके आना की मेरी बेटी बोलेगी कब और कैसे?

ठीक है भैया खाना पीना खा कर सवेरे फिर निकल पड़ता है बाबा जी मिलने वो लड़का। चलते चलते दोपहर हो जाती है तो रास्ते एक एक बुजुर्ग इंसान खड़ा हुआ था। वो बुजुर्ग जो की जादूगर था| ये लड़का जादूगर के पास ये बैठता है और इनसे बातें होती है तो लड़का जादूगर को बताता है की पास वाले गांव में एक सिद्ध बाबा जी आये हुयें हैं| मैं उन्ही से अपनी गरीबी का कारण और समाधान पता करने जा रहा हूँ|

मैं बाबा जी के पास जा रहा हूँ अपनी समस्या का समाधान लेने। तो जादूगर कहता ठीक है बेटा! मेरा भी एक सवाल है उसका जवाब तुम लेकर आना। मैं भी बहुत दिनों से इस चीज से परेशान हूँ का। लड़का बोलता है जादूगर से ठीक है, आप बता दो अपना सवाल मुझसे।

जादूगर का सवाल

जादूगर ने कहा कि बाबा जी से आप पूछना कि मैं स्वर्ग कब जाऊंगा और कैसे जाऊंगा। लड़के ने कहा ठीक है, मैं आपके इस सवाल का जवाब लेकर आता हूं और आपको बताता हूं।

फिर आगे चलता है। उसको कुछ दूरी के बाद फिर एक कछुआ मिलता है। कछुए से भी उसकी दोस्ती हो जाती है तो कछुआ भी कहता है कि अच्छा ठीक है बाबा जी के पास जा रहे हो भाई तो मेरे भी एक सवाल का जवाब पूछ कर ले आना । लड़का बोलता है  ठीक है बताओ क्या सवाल है?

कछुए का सवाल Apni chinta mat karo apki chinta karna parmatma ka kaam hai

कछुआ कहता है कि बाबा जी से यह पूछना कि मैं ड्रैगन कैसे बनूंगा और कब बनूंगा? फिर एक बार लड़के ने कहा ठीक है, मैं पता करूंगा।

चलो भाई तीनों लोगों ( सेठ जी, जादूगर और कछुआ) का सवाल लेकर वो लड़का पहुंच जाता है पास वाले गांव में जहाँ बाबा जी की सभा लगी हुई थी|

और जब देखता है कि बाबा जी से अपने सवालों का जवाब पूछने बहुत लोग एकत्रित हुए हैं। सब अपने सवालों का जवाब पता कर रहे हैं।

लेकिन उसी समय लड़के को एक बात और पता चलती है कि बाबा जी से सिर्फ तीन सवाल पूछे जा सकते हैं। अब लड़का बड़े संशय में पड़ गया कि मेरे पास तो एक सवाल मेरा है। तीन सवाल उन लोगों का है। अब मैं कौन सा सवाल पूछूं।

बाबा जी से मिले तीन सवालों के जवाब

वो निश्चय करता है कि मैं अपना सवाल नहीं पूछूंगा, क्योंकि मेरी समस्या इतनी बड़ी नहीं है। गरीबी ही है केवल। लेकिन उन लोगों की समस्या बहुत बड़ी है। मैं उनके सवाल पूछता हूं। चलो ठीक है!

इसका नंबर आता है। बाबा जी के पास जाता है। बाबा जी कहते हैं हां बेटा पूछो। वह पहला सवाल पूछता है। पहला सवाल कछुआ का पूछता है। पहला सवाल पूछता है बाबा जी से कि मुझे एक कछुआ मिला था रास्ते में, जब मैं आपसे मिलने आ रहा था तो आप यह बताइए वह कछुआ यह जानना चाहता है ड्रैगन बनना चाहता है, वह ड्रैगन कैसे बनेगा?

कछुए का समाधान

बाबा जी उस लड़के का सवाल सुनकर थोड़ी देर चुप रहने के बाद बताते हैं कि उस कछुए से बोलना कि जो वह जो कवच पहने हुआ है, उस कवच को उतार देगा, वह ड्रैगन बन जाएगा। लड़का बोला ठीक है।

जादूगर का समाधान

दूसरा सवाल पूछता है कि एक जादूगर हमको मिले थे। वह बहुत बुजुर्ग हो चुके थे। वह यह जानना चाह रहे हैं कि वह स्वर्ग कैसे जाएंगे? इस बार भी थोड़ी देर चुप रहने के बाद बाबा जी बोलते हैं कि तुम जादूगर से बोलना कि वो जो जादू की छड़ी लिए हैं हाथ में उसी को फेंक दे और वह स्वर्ग चले जाएंगे।

सेठ जी का समाधान

उसके बाद लड़का सेठ जी का सवाल पूछता है। तीसरे सवाल में कि एक सेठ जी हैं, उनकी बेटी नहीं बोलती है, वह कैसे बोलेगी?

तो बाबा जी ने जवाब दिया उनसे बोलना कि अपनी बेटी की शादी करा दें, उनकी बेटी बोलने लगेगी।

तीनों पात्रों का समाधान और लड़के को मिलने वाले लाभ

चलो भाई। तीनों सवालों का जवाब लेकर वो वापस लौट रहा था। सबसे पहले कछुआ मिलता है। कछुआ पूछता है तुमने पूछा? उसने कहा हां ! कब बता भाई आंसर बता।

कछुए की नई शुरुआत

लड़का जवाब बताता है कि जो तुम्हारा यह कवच है, यही तुम उतार दोगे तो तुम ड्रैगन बन जाओगे।

इतने आपाधापी में कछुए ने तुरंत वो कवच निकालने लगा। उसको दर्द भी हुआ। खैर और वह तुरंत ड्रैगन बन गया। लेकिन कवच को निकालते ही बहुत हीरे जवाहरात के मोती गिरे वहां। और वह जो मोती गिरे वह लड़के ने ले लिए। कछुआ तो ड्रैगन बन गया।

लड़का फिर आगे गया। जादूगर मिला। जादूगर ने पूछा, सवाल पूछा? लड़का बोला हां!  यह जो आपकी जादू की छड़ी है, यही आप फेंक दोगे तो आप स्वर्ग चले जाओगे। तो जादूगर कहता

जादूगर का त्याग

बेटा मैं फेंकूंगा क्यों? यह जादू की छड़ी तू ले ले और जैसे जादूगर अपने हाथ की छड़ी उस लड़के को देता है वो स्वर्ग चला जाता है।

लड़का फिर आगे जाता है। सेठ जी मिलते हैं, सेठ जी बोलते है हाँ भाई सवाल का जवाब जवाब बता। बेटी बोलेगी कैसे? तो लड़का कहता है की आप अपने बेटी की शादी कर देंगे उसी दिन ये बेटी बोलने लगेगी।

सेठ जी की खुशी

सेठ जी को सबसे पहले वही लड़का दिखा और उस लड़के के साथ उसने अपनी बेटी की शादी करा दी। भाई साहब लड़की तुरंत बोल पड़ी। बेटी की शादी से परिवार में ख़ुशी का माहौल बन चुका था|

कहानी से मिलने वाली सीखें Apni chinta mat karo apki chinta karna parmatma ka kaam hai

तो अब आप लोग इस कहानी से क्या सीख लेते हो? हमारी तरफ से पहली सीख यह है की जितना बड़ा त्याग उतनी बड़ी सफलता आप देखो। लड़का कई सालों से अपनी गरीबी से परेशान होकर बाबा से मिलने गया और अपनी समस्या को भूलकर उन तीनो के सवाल का जवाब पता किया|

उन तीनों लोगों के लिए अपना इतना बड़ा त्याग किया और लास्ट में देखो सबसे ज्यादा फायदा किसको हुआ। मोती भी मिला, जादू की छड़ी तक मिल गई। मतलब जो चाहे वो कर लेगा और शादी भी हो गई।

दूसरी सीख जब तक कुछ जायेगा नहीं तब तक कुछ नया आएगा नहीं|

कछुए को अपना कवच छोड़ना पड़ा| फिर उसे नई शरीर मिली| जादूगर को अपनी जादू की छड़ी त्यागनी पड़ी और सेठ जी को अपनी बेटी अपने घर से भेजनी पड़ी|

तीसरी सीख सिर्फ अपनी चिंता मत करो पुरुषार्थ करो, आपकी चिंता करना परमात्मा का काम है|

तो भैया कहानी का अंत हुआ अगर पसंद आई तो इस कहानी को अपने फ्रेंड्स और परिवार वालों के साथ जरुर शेयर करिए  और सब्सक्राइब कर लो।

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