Website Success Story in Hindi Flipkart ke Founder

Website Success Story in Hindi  Flipkart ke Founder 

किसने बनाई flipkart कम्पनी : सफलता की कहानी 

 Flipkart बहुत ही कम लोग होंगे जो इस कंपनी के नाम से वाकिफ नहीं होंगे|

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Founders Of Flipkart

 

Flipkart Founder Story : फ्लिपकार्ट की स्थापना 

साल 2007 की शुरुवात में इस कम्पनी की शुरुवात हुई जिसे सचिन बंसल और बिन्नी बंसल ने मिलकर इस कम्पनी की नींव डाली| 

Website Success Story in Hindi Flipkart ke Founder
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सचिन बंसल का जन्म पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ में हुआ था| उनके पिता एक बिजनेसमैन और उनकी माँ एक हाउसवाइफ हैं| सचिन बंसल ने आई आई टी से दिल्ली से कंप्यूटर साइंस में अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की|

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Sachin_Bansal

आई आई टी  दिल्ली जैसे उच्च संस्थान में अध्ययन करने के कारण उन्हें अपने कैरियर के बारे में चिंता करने की बिलकुल भी आवश्यकता नहीं थी|

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Binny Bansal 

जबकि बिन्नी बंसल ने भी आई आई टी  दिल्ली में ही उन्ही के साथ कंप्यूटर साइंस में बैचलर की डिग्री हासिल की वो भी चंडीगढ़ से ही ताल्लुक रखते हैं|

दोनों का बैकग्राउंड लगभग एक सा होने के कारण वो दोनों एक दूसरे को बहुत अच्छी तरह से समझते हैं जिसके मायने एक साझेदारी में काफी महत्वपूर्ण हैं|

पढ़ाई के बाद सचिन बंसल और बिन्नी बंसल दोनों एक समय अग्रणी शॉपिंग कम्पनी अमेज़न के लिए काम करते थे जोकि दुनिया की सबसे बड़ी ई कॉमर्स कम्पनी है|

अमेज़न में काम करते समय ही दोनों के मन में खुद की ई कॉमर्स कम्पनी खोलने का विचार आया और अपनी कम्पनी खोलने के लिए दोनों ने, सचिन बंसल और बिन्नी बंसल ने एक साथ अमेज़न जैसी बड़ी कम्पनी को छोड़ दिया|

ये घटना एक बड़े खतरे के जैसी थी लेकिन कहते हैं न जो खतरे उठाने का मोल नहीं लेता वो अपनी जिंदगी में कुछ बड़ा कर नहीं सकता|

इन दोनों ने मिलकर साल 2007 के सितम्बर महीने में उन्होंने अपनी एक कम्पनी बनाई जिसको उन्होंने नाम दिया फ्लिपकार्ट का| 

इंडिया में फ्लिपकार्ट जब बनी, तब इंडिया में ई कॉमर्स कंपनियाँ लगभग न के बराबर थीं और जो कम्पनीज चल भी रही थी वो लोगों के विश्वास पर खरी नहीं उतर पा रही थीं उस समय लोगों की राय थी की कोई वस्तु बिना देखे, बिना छुए कैसे खरीदी जा सकती है और लोग अपनी चाही चीज हासिल करने से पहले ऑनलाइन पेमेंट भी नहीं करना चाहते थे, सचिन बंसल और बिन्नी बंसन ने लोगों की ये मानसिकता भी कैश ऑन डेलिवरी Cash On Delivery सर्विस से बदल डाली जोकि भारत के लोगों के लिए बिलकुल आधुनिक सुविधा थी बाज़ार में|

इससे पहले हर ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड के माध्यम से पैसे लेती थी जिस पर लोग कम भरोसा करते थे| 

ये कम्पनी भी सबसे पहले साल 2007 में किताब बेचने से शुरू हुई थी| शुरुवाती समय में सचिन बंसल और बिन्नी बंसल खुद स्कूटर से किताबों की डिलीवरी देने जाया करते थे और किताबों की दुकान के सामने खड़े होकर पम्पलेट बांटा करते थे|

सचिन और बिन्नी बंसल की मेहनत और ईमानदारी रंग लायी और साल 2008-09 में flipkart ने चालीस 40 मिलियन रुपये की बिक्री कर दी, ऐसा देखने के बाद निवेशक भी flipkart कम्पनी की तरफ आकर्षित होने लगे और बाज़ार से कंपनी को फंडिंग जमकर हुई|

उसके बाद ये कम्पनी लगातार आगे बढ़ती रही और कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और इसकी ग्रोथ कई गुना बढ़ गई| सन 2014 में flipkart ने, myntra.कॉम और भी कई शॉपिंग websites को खरीद लिया|

अब flipkart पर फैशन, इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी हमारी जरूरत की हर एक चीज अवेलेबल है| साल 2016 में flipkart की बिक्री 40 बिलियन तक पहुँच गई थी| इस कम्पनी में 15000 हज़ार से अधिक कर्मचारी काम करते हैं|

आप flipkart की अपार सफलता से समझ ही गए होंगे की इस संसार में कोई भी काम असंभव नहीं हैं, जरुरत है तो सिर्फ लगन की शिद्दत की क्योंकि जो काम लगन से शिद्दत से किया जाये तो उसमे सफलता जरूर मिलती है|

आपकी कीमती वक़्त देने का बहुत बहुत धन्यवाद्|

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