क्रिकेटर यशस्वी जायसवाल की कहानी : संघर्ष और सफलता

Cricketer Yashasvi Jaiswal ki Kahani Sangharsh aur Safalta

वो लड़का जो कभी ठेले पर पानी पूरी बेचा करता था| Cricketer Yashasvi Jaiswal ki Kahani Sangharsh aur Safalta वह लड़का जो तम्बू में सोता और तम्बू में पानी की बूँदे टपकती थी| वह लड़का जिसके सीनियर उसे गाली देते मजाक उड़ाते और उसे मारा भी करते थे|

आज वही लड़का क्रिकेट स्टार बन चुका है|यशस्वी जायसवाल की स्टोरी तो जी हाँ दोस्तो, आज हम जानेंगे यशस्वी जायसवाल की जिन्दगी के बारे में| उनके बचपन से लेकर क्रिकेट स्टार बनने तक का सफर!

तो इस पोस्ट क्रिकेटर यशस्वी जायसवाल की कहानी को आखिर तक पढ़ियेगा और कहानी पसंद आये तो इसे शेयर भी करियेगा|

यशस्वी जायसवाल की फोटो
यशस्वी जायसवाल की फोटो

चलिए दोस्तों जानते हैं यशस्वी जायसवाल की छोटी सी कहानी| दोस्तों यशस्वी का जनम 28 दिसंबर 2001 को उत्तर प्रदेश के सुरियांवा गाँव भदोही जिले में हुआ था| ये एक बहुत ही गरीब परिवार में पैदा हुए थे|

इनके पिता का नाम भुपेंदर कुमार है| यशस्वी की माँ का नाम कंचन जायसवाल है| इनकी माता जी कंचन शुरू से ही हाउस वाइफ रही है| अपने माँ बाप की 6 संतानों में ये चौथे नंबर पर हैं| इनके पिता की इनके जन्म के वक़्त एक छोटी सी हार्डवेयर शॉप थी| जिससे इतनी बड़ी फैमिली का खर्च चलाना भी मुश्किल हो जाया करता था|

यशस्वी जायसवाल क्रिकेटर कैसे बने | यशस्वी जायसवाल का जीवन परिचय 

अब बात करते हैं इनके क्रिकेट करियर! यशस्वी जायसवाल को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का बहुत शौक था| यशस्वी ने अपने बचपन में अपने माता पिता से कभी भी खिलौनों से खेलने की जिद नहीं की|

इन्होने अपने जीवन के बहुत छोटे से पड़ाव में ही ये सुनिश्चित कर लिया था कि इन्हें क्रिकेट का एक बहुत बड़ा खिलाड़ी बनना है| गरीबी तो इस तरह जाल फैलाए खड़ीं कि इनके पास एक बैट खरीदने तक के पैसे नहीं थे| लेकिन इतनी छोटी उम्र में इन्हें पैसो की बिलकुल समझ नहीं थी|

ये दिन भर पास के एक मैदान में क्रिकेट खेला करते थे
यशस्वी अपनी उम्र के और अपनी उम्र से बड़े खिलाड़ियों से बहुत अच्छा खेला करते थे| इसलिए एक दिन इन्होने अपने सीनियर खिलाड़ी के कहने पर मुम्बई जाकर खेलने का निर्णय लिया|

और इन्होने जब अपने पिता जी से मुम्बई जाकर खेलने की बात बताई तो इनके पिता यशस्वी के इस निर्णय से बिलकुल सहमत हो गए| हालाँकि इनके घर वाले शुरुवात में इनके निर्णय पर राजी नहीं थे| क्योंकि उन्हें लगता था इतनी छोटी सी उम्र में इतने बड़े शहर में रहना कोई आसान काम नहीं था|Cricketer Yashasvi Jaiswal ki Kahani Sangharsh aur Safalta

पिता ने क्रिकेट ट्रेनिंग के लिए मुंबई भेज दिया

लेकिन उनके पिता जी ने यशस्वी को एक रिश्तेदार के पास मुंबई भेजने का कठिन फैसला किया| और साल 2011 में मात्र 10 साल की छोटी सी उम्र में  यशस्वी क्रिकेट ट्रेनिंग के लिए मुंबई में अपने रिश्तेदार के पास पहुँच गए|

अपने रिश्तेदार के पास यशस्वी सिर्फ कुछ महीने रहे क्योंकि यशस्वी को इस बात का एहसास हो गया कि वे जहां रह रहे हैं उनके पास भी रहने खाने की पर्याप्त सुविधा नहीं थी| इसलिए उन्होंने अपने रिश्तेदार से इस बारे में बात की और इनके रिश्तेदार ने इन्हें एक डेरी में काम करने का ऑफर दिया जहाँ रहने की सुविधा इनको मिल जाएगी|

यशस्वी ने रिश्तेदार से मिले ऑफर को बिना देरी स्वीकार कर लिया| क्योंकि इसके अलावा इनके पास और कोई विकल्प भी तो नहीं था| क्योंकि ये अपने घर वापस उत्तर प्रदेश नहीं जाना चाहते थे| इसलिए ये अपने घर वालों को बिना बताए उस डेरी पर काम करने लगे| पूरे दिन डेरी पर सारे छोटे मोटे काम करते जिसके बदले उन्हें दो वक्त का खाना और सोने की जगह मिल जाती|

यशस्वी जायसवाल की कहानी क्या है?

फुटपाथ पर सोकर रातें गुजारीCricketer Yashasvi Jaiswal ki Kahani Sangharsh aur Safalta

सबसे बड़ी बात सोने के लिए डेरी पर कोई बैड या कमरा नहीं मिला बल्कि वहीं डेरी के पास फुटपाथ पर सोने की जगह मिली|

प्रतिदिन यशस्वी सुबह जल्दी उठकर आजाद मैदान में खेलने के लिए चले जाते और वहाँ अपने सीनियर खिलाड़ी  को देख देखकर उनसे सीखते और जाहिर सी बात है वहाँ पर शुरू में उनका कोई भी नहीं था| इसलिए वे अकेले ही प्रैक्टिस किया करते थे|

और ऐसे यशस्वी क्रिकेट ट्रेनिंग में इतने व्यस्त हो गए कि वे डेरी पर कम और क्रिकेट पर ज्यादा ध्यान देने लगे। इसलिए एक दिन उस डेरी के मालिक ने मजबुरन इनसे परेशान होकर यशस्वी का सारा झोला सामान उठाया और इन्हें डेरी से बाहर निकाल दिया।

अचानक से यशस्वी को डेरी से इस तरह से बाहर निकाले जाने के बाद इन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि ये क्या करें, कहाँ रहें और कहाँ जाएँ। इसलिए इन्होने क्रिकेट आजाद मैदान के कोच से सहायता मांगी और कोच ने आखिरकार इन्हें एक मैदान में एक तम्बू में रहने की इजाजत दे दी।

मैदान में तम्बू में रहे

जबकि उस तम्बू में रहने की कोई भी सुविधा नहीं थी, ना सोने को चारपाई, ना लाइट, ना बाथरूम, ना किचन, और यहाँ तक की पीने का पानी भी नहीं था| मगर फिर भी यशस्वी उस तम्मू में रहने के लिए इतने खुश हुए, जैसे कि उन्हें कोई राजमहल मिल गया हो|

यशस्वी की ख़ुशी इस बात से थी, क्योंकि उन्हें लगा, अब सबसे जल्दी उठकर, और सबसे ज़्यादा प्रैक्टिस करने का मौका मिलेगा| अब रहने का इंतजाम तो हो गया था, मगर खाने का अभी भी कोई ठिकाना नहीं था| इसलिए वे गेंद खोजकर लाने का काम करते बड़े-बड़े खिलाड़ी की हेल्प करते उनके लिए छोटे-मोटे काम करते जिससे इनको थोड़े-बहुत पैसे मिल जाया करते थे|

कुछ सीनियर खिलाड़ी और मैदान में काम करने वाले कुछ लोग यशस्वी से ईर्ष्या भी करते थे और गालियां भी देते थे| और यहां तक कि कभी-कभी तो यह यशस्वी को मार भी खानी पड़ी और इन सबसे बचने के लिए यशस्वी को सबके लिए रोटी भी बनानी पड़ती थीं जिससे इनका भी खाने का इंतजाम हो जाया करता था|

भूखे पेट भी सोये Cricketer Yashasvi Jaiswal ki Kahani Sangharsh aur Safalta

लेकिन कभी-कभी तो यशस्वी को ऐसे दिन भी देखने को मिले जब इन्हें भूखे पेट ही सो जाना पड़ता था|  ठण्ड में और गर्मी में तो जैसे-तैसे यशस्वी तंबू में रह लेते अगर बारिश के दिनों में तंबू में पानी चूने और तंबू में पानी भर जाने के कारण इन्हें बार-बार स्थान बदलना पड़ता था| कई बार तो इन्हें नीचे जमीन पर सोते वक़्त चीटियां, कीड़े-मकोड़े काट लेते लेकिन लाखों कठिनाईयों के बाद भी इन्होने हार नहीं मानी और अपने हाल के बारे में घर वालों को जरा भी नहीं बताया|

लेकिन जब यह से इसका गुजारा मुश्किल हो गया तो उसने शाम के समय चाट और पानी पूरी के ठेले  पर काम करना शुरू कर दिया| जिसके बदले इनके सुबह-शाम के खाने का इंतजाम हो गया और लगभग दो-तीन साल यशस्वी इसी तरह तंबू में रहे|

यशस्वी एक दिन अपनी प्रैक्टिस कर रहे थे तभी अचानक से एक ज्वाला फाउंडेशन नाम की क्रिकेट अकैडमी के कोच ज्वाला सिंह की नजर यशस्वी पर पड़ी और उन्होंने लोगों से यशस्वी के बारे में पूछा और उन्होंने यशस्वी से जाकर भी बात की तब जाकर उन्हें पता चला कि यशस्वी के हालात तो बिल्कुल वैसे हैं जैसे कभी ज्वाला ज्वाला सिंह के हुआ करते थे|

कोच ज्वाला सिंह ने मुफ्त व्यक्तिगत ट्रेनिंग दी

ज्वाला सिंह को सबसे बड़ी हैरानी तो तब हुई जब उन्हें पता चला कि यशस्वी को अभी तक सही तरीके से गाइडेंस नहीं मिल पा रही थी लेकिन फिर भी वो सबसे अच्छा खेल रहे थे|

और उनके हालातों को देखकर ज्वाला सिंह ने फ़ौरन यशस्वी को अपनी मुफ्त व्यक्तिगत ट्रेनिंग देने का फैसला किया और यशस्वी को अपने घर ले गए और साथ ही साथ यशस्वी के पिता से बात करके उन्हें तसल्ली दी कि अब आपके बेटे की पूरी जिम्मेदारी मैं लेता हूँ इसके बाद ज्वाला सिंह ने यशस्वी की पूरी तरह से हेल्प की और इन्हें सर्वश्रेष्ठ ट्रेनिंग भी दी| यहां यशस्वी भी मेहनत करने से पीछे नहीं हटे|

और यह यशस्वी जायसवाल के लिए एक टर्निंग पॉइंट था| शायद अब उनकी लाइफ में चल रही कड़ी तपस्या का यह अंत होने वाला था| और समय आ चुका था मेहनत का फल प्राप्त करने का|

यशस्वी ने अपने खेल से सबका ध्यान आकर्षित कर लिया

और इसलिए साल 2015 में यशस्वी ने Giles Shield क्रिकेट टूर्नामेन्ट में नॉटआउट 319 रन बनाए| और साथ में ही 99 रन दे कर 13 विकेट भी झटके है| इनका यह आल राउंडर प्रदर्शन लिमका बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हुआ। इसके बाद ये Mumbai की Under 16 का हिस्सा बने, और फिर इनको India Under 19 टीम में भी हिस्सा मिला।

साल 2018 में, Under 19 Asia Cup में, यशस्वी ने अपने नाम का डंका बजा दिया। और 318 रन की शानदार पारी खेल कर, Highest Scorer बने। और इस Tournament के Player of the Match भी रहे।

और इसी साल 2018 में, God of Cricket, Sachin Tendulkar ने भी, यशस्वी की Performance और Young Talent की पहचान की, और यशस्वी को Best Wishes देते हुए एक बैट भी गिफ्ट किया जिस पर इनके ऑटोग्राफ भी थे|

इसके बाद साल 2019 में विजय हजारे ट्राफी के एक मैच में इन्होने 154 बॉल पर इन्होने 203 रन बनाये और इसी के साथ ये लिस्ट A क्रिकेट में दोहरा शतक जड़ने वाले विश्व के सबसे युवा बल्लेबाज बन गए| इस समय यशस्वी जायसवाल की उम्र महज 17 साल 292 थी|

अंडर-19 विश्व कप के लिए यशस्वी टीम इंडिया में चुन लिए गए 

इनके इतने शानदार प्रदर्शन के कारण अगले साल होने वाले अंडर-19 विश्व कप के लिए इन्हें टीम इंडिया में चुन लिया गया।
और इस टूर्नामेन्ट में यशस्वी सबसे अधिक रन बनाने वाले बैट्समैन बन गए थे। इन्होने कुल 6 मैच में 400 रन बनाये। और इसमें इन्होने पाकिस्तान के विरुद्ध सेमी फाइनल मैच में शतक लगा कर टीम इंडिया को फाइनल तक पहुँचाया। इसके लिए इन्हें प्लेयर आफ द सीरीज का पुरस्कार भी मिला।

इसके बाद 2020 में होने वाले IPL खिलाडियों की लिस्ट में यशस्वी का नाम सामने आया। और IPL नीलामी में राजस्थान रॉयल ने यशस्वी जायसवाल को दो करोड़ चालीस लाख रुपये में खरीद लिया लेकिन आईपीएल 2020 में यशस्वी को खुद को साबित करने के इतने ज्यादा मौके नहीं मिले और ये 3 मैचों में महज 40 रन ही बना सके|

इसके बाद साल 2021 आईपीएल में भी राजस्थान रॉयल्स ने इनके ऊपर भरोसा बनाये रखा और इस बार यशस्वी को अपना टैलेंट दिखाने का भी पूरा मौका मिला मगर वह 10 मैचों में 25 के औसत से 249 रन ही बना सके|लेकिन यहां उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ अपना पहला अर्ध शतक तक भी लगाया|

आईपीएल 2022 में भी इन्होंने लगभग समान औसत से कुल 10 मैचों में 258 रन बनाए लेकिन इस बार इनका उच्चतम स्कोर 68 रहा जो की पहले से काफी अच्छा था|

महेंद्र सिंह धोनी का पैर छुए

और अब बात करें साल 2023 के IPL की तो इसमें तो यशस्वी ने अपने शानदार प्रदर्शन से सभी के होश ही उड़ा दिये| दरअसल ये सब हुआ 27 अप्रैल 2023 को जयपुर के SMS स्टेडियम में हुए चेन्नई सुपर किंग बनाम राजस्थान रॉयल्स के मैच में यशस्वी ने 43 बॉल्स पर 77 रन बना कर अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी से CSK जैसी टीम को भी मात दे दी| और यहां यशस्वी ने मैच जीतने के बाद महेंद्र सिंह धोनी से हाथ मिलाते हुए उनके पांव भी छुए|

इसके बाद 30 अप्रेल 2023 को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में आईपीएल हिस्ट्री का 1000वां मैच जो कि मुंबई इंडियन और राजस्थान रॉयल्स के बीच में हुआ| यह मैच ए1000वां मैच होने की वजह से तो स्पेशल था ही लेकिन इसको और भी स्पेशल बनाया यशस्वी ने अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से| इस मैच में यशस्वी 124 रन बनाकर न सिर्फ अपना पहला शतक जमाया राजस्थान रॉयल्स टीम की तरफ से सतक लगाने वाले सातवें बल्ले बाज भी बन गए|

2023 आईपीएल में सबसे तेज़ अर्ध शतक लगाया 

और इसी के साथ साथ IPL में सतक लगाने वाले चौथे सबसे युवा खिलाडी भी बने| इसके बाद 11 मई 2023 को कोलकाता के ईडन गार्डन में यशस्वी ने कोलकाता नाईट राइडर्स के विरुद्ध सिर्फ 27 बॉल पर 98 रन बनाकर ना सिर्फ राजस्थान रॉयल्स को जीत दिलाई बल्कि मात्र 13 बालों में सबसे तेज अर्ध शतक लगाने वाले खिलाड़ी भी बन गए|

यशस्वी जायसवाल बैटिंग: यशस्वी की शानदार धुआंधार बल्लेबाजी को देखकर बड़े बड़े क्रिकेटर उनकी तारीफ करते थक नहीं रहे| यहां तक कि इंडिया के बेस्ट क्रिकेटर द क्रिकेट आफ क्रिकेट विराट कोहली ने भी अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर स्टोरी लगाकर यशस्वी के टैलेंट की तारीफ की और ये सोशल मीडिया पर काफी अधिक चर्चा का विषय भी बन गया|

तो दोस्तो यशस्वी जायसवाल की चर्चा आज पूरी दुनिया में हो रही है क्योंकि इन्होने अपने हुनर और मेहनत के दम पर जो कमाल कर दिखाया है वो वास्तव में काबिले तारीफ है|

yashasvi jaiswal age: और अभी तो मात्र यशस्वी 23 साल के हैं|

निष्कर्ष:Cricketer Yashasvi Jaiswal ki Kahani Sangharsh aur Safalta

अगर आने वाले मैचों में यशस्वी इसी तरह का खेल जारी रखेंगे तो जरूर उनको टीम इंडिया में भी खेलने का मौका मिलेगा जो कि यशस्वी के लिए मुश्किल नहीं है|

तो दोस्तों बात करें कि पर्सनालिटी की तो इनकी हाइट 5 फूट 6 इंच है और इनका बॉडी वेट 63 किलोग्राम के लगभग और दोस्तों वैसे तो पूरी दुनिया इनकी दिवानी बन चुकी है और बड़े-बड़े लोग भी इनको फॉलो कर रहे हैं|

यशस्वी जायसवाल की instagram आईडी  : आपको बता दूं इंस्टाग्राम अकाउंट पर इनके 4.3 मिलियन से भी ज्यादा फ़ॉलोवर हैं|

और बात करें यशस्वी जायसवाल नेट वर्थ की तो आज की समय में यशस्वी जायसवाल के पास कुल संपत्ति तक़रीबन 16 करोड़ रुपए है|

दोस्तो ये थी यशस्वी जायसवाल की एक छोटी सी कहानी तो अगर आपको इनसे और इनकी कहानी से कुछ भी अच्छा सा सीखने को मिला तो पोस्ट को like, share और पोर्टल को subscribe जरूर कीजिएगा और हाँ दोस्तो अगर आप अपने favorite person की biography जानना चाहते हैं तो हमें comment box में comment करके जरूर बताईगा|

हम जल्द ही उनके उपर भी full biography जरूर लाएंगे तो चलिए दोस्तो मिलते हैं अगले वीडियो में तब तक के लिए धन्यवाद

FAQ

Q– यशस्वी जायसवाल का घर कहाँ है?

A– मात्र 23 साल के बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने मुंबई में अपना घर ख़रीदा है| इनके इस घर की कीमत 5.4 करोड़ रुपये है| 

Q– यशस्वी जायसवाल के पिता क्या करते हैं?

A– इनके पिता जी इनके गाँव सुरियांवा में पेंट की दुकान चलाते हैं|

Q– यशस्वी जायसवाल कहाँ के हैं?

A– ये महान क्रिकेटर यू पी राज्य के भदोही जिले के हैं |

Q– यशस्वी जायसवाल के कितने भाई हैं ?

A– इनके एक बड़े भाई हैं जिनका नाम तेजस्वी जायसवाल है| तेजस्वी जायसवाल भी एक रणजी क्रिकेट खिलाड़ी हैं|

Q– यशस्वी जायसवाल की उम्र कितनी है?

A– ये अभी 23 साल के हैं|

Q– यशस्वी जायसवाल का गाँव कौन सा है?

A– उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में हैं, इनके गाँव का नाम सुरियांवा है|

Q– यशस्वी जायसवाल की क्या कीमत है?

A– साल २०२४ में इनकी आई पी एल में इनकी कीमत बढ़कर 18 करोड़ रुपये हो गई है|

Q– यशस्वी जायसवाल के पास कुल कितनी संपत्ति है?

A– इनके पास अभी तक की संपत्ति 16 करोड़ से ज्यादा है|

Q– यशस्वी जायसवाल के कितने दोहरे शतक?

A– दो दोहरे शतक 

Q– यशस्वी जायसवाल ने कितनी पढ़ाई की है?

A– इनकी पढ़ाई के बारे में अभी हमारे पास कोई जानकारी नहीं है|

इसे भी पढ़ें:

ब्रेन और मेमोरी एक्सपर्ट जिम क्विक की अत्यंत प्रेरणादायक कहानी

एक बहुत ही गरीब बच्चे ने कैसे बना दी विश्व प्रसिद्ध लक्ज़री कार कंपनी

एक साधारण ब्रोकर से कैसे बन गए देश के दूसरे सबसे धनवान व्यक्ति

अमेरिकी तैराक माइकल फेल्प्स की प्रेरणादायक सफलता की कहानी

मिलियनेयर ट्रैक क्या है? इससे पैसे कैसे कमाए जाते हैं?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *