Share Market Ghotala Chitra Ramkrishna aur Baba ki Kahani

शेयर मार्केट घोटाला : चित्रा रामकृष्णा और बाबा की कहानी 

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Group Chief Coordination officer का पद और रोल तो ठीक है, हम इसे आगे बढ़ा सकते है| लेकिन मेरा एक छोटा सा निवेदन है| क्या हम इसे ग्रुप प्रेसिडेंट और चीफ कोआर्डिनेशन ऑफिसर कर सकते हैं ? आगे चलकर आपका जैसा निर्देश होगा| हम एक्सचेंज का सारा परिचालन ” G ” के अन्दर लाते हुए उसे रिडेजिगनेट कर चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर बना देंगे ! इस पर आपका मार्गदर्शन चाहिए स्वामी !

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ऊपर लिखी बातें एक ईमेल का अंश है, जिसे पढ़कर आपको किसी कॉर्पोरेट पत्र व्यवहार जैसा लगा होगा| जैसे कोई कर्मचारी अपने बॉस से किसी बड़े फेर बदल की मांग कर रहा हो|

आपको बताते चलें की ये पत्र लिखा गया था देश के सबसे बड़े बाज़ार की सीईओ और एम डी की तरफ से अपने तथाकथित आध्यात्मिक बाबा को, जो हिमालय की घाटियों में गुमनाम विचरण करता है और जो किसी को दिखाई नहीं देता|

लेकिन वो ईमेल का जवाब देता है एक सुपर बॉस के अंदाज में| वो अपने निर्देशों से स्टॉक मार्केट में ऊपर से लेकर नीचे तक कोई भी परिवर्तन करा लेता है|

और ये किसी वेब सीरीज की स्क्रिप्ट नहीं है बल्कि एक सनसनीखेज सच है| जो बताता है की तक़रीबन 3.4 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैपिटलाइजेशन वाले दुनिया के चौथे सबसे बड़े नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की एक्स सीईओ कैसे एक गुमनाम बाबा के निर्देशों पर बड़े फैसले लिया करतीं थीं ?

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chitra ramkrishna ex ceo of national stock exchange of india

अपने बीस साल के कैरियर में इन्होने अधिकतर फैसले इसी बाबा की सलाह पर किये| हाल ही में स्टॉक मार्केट रेगुलेटर सेबी ने एक ऐसी शख्सियत के ऊपर से पर्दा हटाया जो सिर्फ national stock exchange of india की सीईओ ही नहीं बल्कि दुनिया की 17वीं सबसे अधिक ताकतवर महिला भी करार दी गईं थी|

लेकिन वो एक ऐसे बाबा के जबरदस्त प्रभाव में थीं जिसे उन्होंने कभी देखा भी नहीं था और वो बाबा कहीं भी अपनी इच्छानुसार प्रकट हो सकता था|

हम बात कर रहें हैं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया की पूर्व सीईओ और एम डी चित्रा रामकृष्णा की| इन्हें ट्रेडिंग घोटाले और पद के दुरूपयोग के आरोप में साल 2016 में NSE ( national stock exchange ) से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था|

लेकिन सालों की छानबीन के बाद अब सेबी ने 190 पेज का जो आदेश जारी किया है वो हैरतअंगेज तो है ही, और वहीँ किसी गहरे षड़यंत्र की तरफ भी इशारा करता है|

फिलहाल हम रिपोर्ट और तथ्यों की गहराई में नहीं जायेंगे| हम बात करेंगे सिर्फ चित्रा रामकृष्णा की जो अपने कथित आध्यात्मिक गुरु के प्रभाव में न सिर्फ NSE के सारे बड़े फैसले कर रही थी बल्कि कुछ मायनो में हम आप जैसे करोड़ों निवेशकों के भरोसे से भी लगातार खेल रहीं थीं|

चित्रा रामकृष्णा ने गुमनाम बाबा के प्रभाव में nse exchange में किये बड़े बदलाव  

बाबा का जादू उनके सिर पर इस कदर छाया हुआ था की उन्होंने एक अदने से अधिकारी को रातों रात शेयर मार्केट का सबसे बड़ा कर्ता धर्ता बना दिया जिसका वेतन 15 लाख रूपये सालाना हुआ करता था| वो दो करोड़ से ज्यादा तक पैकेज पर जा पहुँचा|

साल 1963 में पैदा हुई चित्रा रामकृष्णा 1992 में national stock exchange of india की स्थापना करने वाली टीम में शुमार थीं| वो देश की उन चुनिन्दा महिलाओं में से एक हैं जो स्टॉक एक्सचेंज में इतने ऊंचे पदों पर विराजमान हो चुकी हैं|

फार्च्यून मैगज़ीन ने चित्रा रामकृष्णा को दुनिया की 17वें नम्बर की सबसे शक्तिशाली महिला बताया था| चित्रा ने ये बात खुद मानी है की वो अज्ञात योगी शिरोमणि से कभी नहीं मिली लेकिन तक़रीबन दो दशक तक उस बाबा के साथ ईमेल के जरिये संपर्क में रहीं|

इस दौरान कईं महत्वपूर्ण कॉर्पोरेट और व्यावसायिक फैसले इस योगी के दिशा निर्देश पर ही उन्होंने लिए| सेबी की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने स्वीकार किया है की, उन्होंने उस योगी बाबा के साथ NSE के पाँच सालों के फाइनेंसियल, स्टैट्स, अनुमानों, डिविडेंड, व्यावसायिक योजनाओं, बोर्ड बैठकों के एजेंडे जैसी जानकारियाँ तक साझा करी|

यहाँ तक की कर्मचारियों की असेसमेंट और अप्रैजल तक पर उस बाबा के साथ चर्चा करती थीं| सेबी ने अपने आदेश में कहा की चित्रा रामकृष्णा के अनुसार, ये गुमनाम बाबा एक आध्यात्मिक ताकत था और जहाँ चाहे प्रकट हो सकता था| उसका कोई निश्चित पता और ठिकाना नहीं था| वो अधिकतर समय हिमालय के पहाड़ों पर रहता था|

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चित्रा रामकृष्णा का हैरतअंगेज फैसला: आनंद सुब्रमन्यन की हाई प्रोफाइल नियुक्ति 

सेबी की रिपोर्ट ये भी कहती है की तथाकथित योगी बाबा के निर्देश पर चित्रा की तरफ से किये गए फैसलों में सबसे विवादस्पद और हैरान करने वाला था, आनंद सुब्रमन्यन की हाई प्रोफाइल नियुक्ति का फैसला|

आनंद को NSE के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर और चित्रा रामकृष्णा का सलाहकार बनाया गया था जबकि आनंद सुब्रमन्यन के पास एक्सचेंज और निवेश की दुनिया का कोई अनुभव नहीं था|

18 जनवरी 2013 को आनंद सुब्रमन्यन को चीफ स्ट्रेटेजिक एडवाइजर का पद ऑफर किया गया जिसका सलाना पैकेज था 1.68 करोड़ रुपये| जबकि इससे पहले आनंद सुब्रमन्यन की सैलरी पंद्रह लाख रुपये सलाना थी| मार्च 2015 में चित्रा रामकृष्णा ने सुब्रमन्यन को 20% की बढ़ोत्तरी दिलाई और उसकी सैलरी जा पहुँची दो करोड़ रुपये सलाना|

इसके पाँच सप्ताह बाद ही सुब्रमन्यन को 15 फीसदी का एक और बढ़ोत्तरी मिली और अब पैकेज हो गया 2.31 करोड़ रुपये सलाना| चित्रा रामकृष्णा ने सुब्रमन्यन के अस्सेस्मेंट और अप्रैजल के तहत उनकी परफोर्मेंस को A + यानि एक्सेप्शनल बताया था|

बाद में आनंद सुब्रमन्यन पर कई गंभीर आरोप लगे और उसे चित्रा रामकृष्णा के साथ कई धांधलियों में लिप्त बताया गया| सेबी ने ये भी बताया की सुब्रमन्यन उस कथित बाबा का साथी था| वो हर अहम् फैसले लेने में चित्रा रामकृष्णा पर दबाव डाला करता था| आनंद सुब्रमन्यन के वेतन में बेतहाशा बृद्धि के पीछे भी बाबा का था|

चित्रा रामकृष्णा और बाबा के बीच होती ईमेल से बातचीत 

बाबा आनंद सुब्रमन्यन को NSE में प्रभावी बनाने के लिए किस तरह कामयाब रहा इसका नमूना बाबा और चित्रा रामकृष्णा के बीच ईमेल बातचीत में भी दिखाई देता है| रामकृष्णा उस बाबा को लम्बे समय तक ईमेल करती रहीं| उनके कई पत्र सांकेतिक अर्थ लिए भी दिखाई देते हैं जिन्हें सरसरे तौर पर समझना बेहद ही कठिन है|

बाबा की ओर से आये जवाब तो आध्यात्मिक पुट लिए हुयें हैं साथ कॉर्पोरेट और प्रशासन की गहरी समझ भी दर्शाते हैं| 18 फरवरी 2015 को चित्रा रामकृष्णा लिखतीं हैं –

Group Chief Coordination officer का पद और रोल तो ठीक है, हम इसे आगे बढ़ा सकते है| लेकिन मेरा एक छोटा सा निवेदन है| क्या हम इसे ग्रुप प्रेसिडेंट और चीफ कोआर्डिनेशन ऑफिसर कर सकते हैं ? आगे चलकर आपका जैसा निर्देश होगा| हम एक्सचेंज का सारा परिचालन ” G ” के अन्दर लाते हुए उसे रिडेजिगनेट कर चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर बना देंगे| इस पर आपका मार्गदर्शन चाहिए स्वामी ! अगर आपकी मंजूर मिली तो इसके साथ साथ हम J R ( रवि ) को ग्रुप प्रेसिडेंट फाइनेंस एंड स्टेकहोल्डर रिलेशंस और कॉर्पोरेट जनरल काउंसेल भी बना सकते हैं|

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ईमेल से बाबा का जवाब 

इसके जवाब में आये ईमेल में लिखा है – मेरे पास कुछ सवाल हैं, जो आप लोगों को एक अजीब स्थिति में डाल देंगे| मैं आपके तर्क और विश्लेषण को मानता हूँ लेकिन आपकी बातों से मेरे सवालों के जवाब नहीं मिले| मैंने कभी भी ट्रेडिंग और दूसरे वर्टिकल्स में किसी तरह के बदलाव नहीं सुझाए| मैंने तो सिर्फ संगठन में कुछ महत्वपूर्ण स्तरों की ओर इशारा किया है| राजनितिक दृष्टि से मैं Group COO टाइटल के पक्ष में हूँ क्योंकि सब्सिडियरिज भी उसी को रिपोर्ट करती हैं और उसके फैसले सबको मान्य होते हैं| हमारी सोच जितनी बड़ी और रुख जितना स्पष्ट होगा, स्थितियाँ उतनी ही आसान होती जाएँगी| आशीर्वाद !

एक ईमेल में बाबा ने तो रामकृष्णा के ऊपर इस बात पर दबाव डाला की सुब्रमन्यन को हफ्ते में पाँच दिन काम के बजाय तीन दिन ही ऑफिस पहुँचने की छूट डी जाये| बाकी दिनों में काम उसकी जरुरत और इच्छा पर छोड़ दिया जाये|

5 सितम्बर 2015 को एक ईमेल में कथित बाबा ने लिखा – सोम! अगर मुझे दुनियावी इंसान बनने का मौका मिला तो मैं खुद को कांचन में ही पुर्णतः  फिट पाउँगा |

यहाँ सोम का मतलब रामकृष्णा और कांचन का मतलब सुब्रमन्यन बताया जा रहा है|

चित्रा रामकृष्णा का बाबा को ईमेल 

30 दिसंबर साल 2015 की एक ईमेल में रामकृष्णा लिखती हैं – शिरोमणि, मैंने आपको हमेशा ” G ” के रूप में ही देखा है| “G ” भी सुब्रमन्यन के लिए इस्तेमाल किया जाता था | अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 तक चित्रा रामकृष्णा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की सीईओ और एम डी रहीं|

निष्कर्ष 

चित्रा रामकृष्णा को साल 2016 में को लोकेशन एल्गो ट्रेडिंग घोटाले में उनकी भूमिका और सुब्रमन्यन की नियुक्ति में पद के दुरूपयोग के लिए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज से बाहर का रास्ता दिखाया गया था|

ताज़ा फैसले के तहत सेबी चित्रा रामकृष्णा पर तीन करोड़ रुपये , NSE के पूर्व एम डी और सीईओ रवि नारायण और आनंद सुब्रमन्यन पर दो दो करोड़ रुपये जुर्माना लगाया है | साथ ही वी आर नरसिम्हन पर 6 लाख का जुर्माना लगाया है| इसके अलावा इन सभी को 6 महीने के लिए बाजार की किसी भी गतिविधियों से दूर रहने का आदेश दिया गया है|

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