बाल श्रम के खिलाफ विश्व दिवस की शुभ कामनायें
World day against child labour quotes Hindi/Child labour quotes

- बाल श्रम बंद करो और बाल देखभाल शुरू करो|
- बच्चों को बचाओ, उन्हें खेलने दो काम नहीं|
- शिक्षा बच्चों का जन्मसिद्ध अधिकार है इसलिए हमें बाल श्रम के खिलाफ, लड़ना चाहिए |
- बच्चों को क्लास में भेजें, न की ग्लासेज धोने|child labour slogans Advertisement
- अपने बच्चों को बहुत कम उम्र में वेतन, न मिलने दें|quotes on child labour
- बच्चे अनमोल हैं, उन्हें बच्चे ही रहने दें, मजदूर न बनाये|
- बचपन सीखने के लिए है, वयस्कता कमाई के लिए है|
- काम बड़ो के लिए हैं, खेल और शिक्षा बच्चों के लिए है|
- कोई कारण नहीं है, कोई बहाना नहीं है| बाल श्रम बाल शोषण है|
- आज के बच्चे कल के भविष्य हैं| बाल श्रम प्रकृति के खिलाफ है|
- बच्चे बहुत छोटे होते हैं उनसे मजदूरी बिल्कुल भी न करवाएं| बाल विकास की रक्षा करें, बाल श्रम को रोकें|
Essay on child labour/speech on child labour
इस आर्टिकल में हम बाल श्रम या बाल मजदूरी child labour in Hindi पर भाषण प्रस्तुत करने जा रहे हैं| अगर आपको ये speech on child labour पसंद आती है तो इसे अधिक से अधिक लोगों के बीच शेयर करियेगा|

भारत में बाल श्रम एक बड़ा सामाजिक मुद्दा है और ये भारत के विकास में, कहीं न कहीं अवरोध का काम कर रहा है| बाल श्रम का मुद्दा आज का नहीं है, ये तो पूरे विश्व में वर्षों से चली आ रही एक बुरी प्रथा है| ये केवल एक राष्ट्रीय मुद्दा नहीं बल्कि एक वैश्विक मुद्दा है|
बाल मजदूरी वो प्रक्रिया है जिसमे बच्चों से बहुत कम वेतन पर, काम करवाते हैं| और कुछ बच्चों को तो रात दिन काम करवाकर भी पैसे नहीं देते हैं| जिसकी वजह से उनका मानसिक और शारीरिक विकास सही ढंग से नहीं हो पाता है|
यह समाज में गरीबी, आवास और भोजन की कमी, गरीब लोगों के लिए सुविधाओं की कमी , शिक्षा की कमी और अमीरों और गरीबों के बीच में अंतर के कारण होता है| इसमें गरीब व्यक्ति समझ नहीं पाते हैं और अपनी मजबूरियों के कारण, अपने बच्चों को, काम करने के लिए भेज देते हैं|
क्या उन मासूम बच्चों को अपना बचपन जीने का हक नहीं है ?
क्या उनको शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार नहीं है ?
Effects of child labour in Hindi
बाल श्रम, इन बच्चों को मासूम यादगार और बचपन के महत्वपूर्ण क्षणों से दूर कर देता है जिसकी वजह से न तो वो अपनी शिक्षा जारी रख पाते हैं तथा ऐसे बच्चो को बहुत ही खतरनाक और हानिकारक बीमारी का भी सामना करना पड़ता है जो किसी कारखाने में काम करते हैं, अपनी सेहत का ध्यान रखे बिना|
अगर देखा जाए तो सबसे अधिक बाल मजदूरी मैदानी कार्यों में होती है जैसे कारखाने, खनन, कृषि उत्पादन तथा अन्य कार्यो में| यहाँ पर काम दो टाइम कराया जाता है| दिन में और रात में, कुछ बच्चों को रात के शिफ्ट में काम करवातें हैं और कुछ से दिन में|
ये कारखाने वाले मालिक भी काम अधिक करवाते हैं और पैसे भी बहुत कम देते हैं लेकिन इन बच्चों को मजबूरी में ये सभी काम करने पड़ते हैं| कई बार तो बहुत बच्चों की बीमारी के कारण तबियत ख़राब हो जाती है और मौत भी हो जाती है|
ये बच्चे जीवन में शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते हैं जिससे उनके स्वयं के विकास में, और देश के विकास में, योगदान की क्षमता सीमित ही रह जाती है|
बाल श्रम पर कानून
भारत के संविधान के अंतर्गत, बच्चों के लिए प्राथमिक शिक्षा के साथ साथ,आर्थिक गतिविधियों और उनको प्रतिकूल परिवेश में उलझने से बचाने के लिए, बाल मजदूरी , बाल श्रम पर प्रतिबन्ध लगाया गया है|
संवैधानिक संशोधन के बाद child labour act 1986 , 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे के लिए शिक्षा का अधिकार, अब मूल अधिकार बना दिया गया है|
वर्ष 2001 में भारत में बाल श्रम के ऊपर, एक आंकड़ा जरी किया गया था जिसमे 1.26 करोड़ बच्चे , बाल श्रम के शिकार थे| जिसमे सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में बच्चों की संख्या 0.91 करोड़ थी| इसके बाद आंध्र प्रदेश में 0.14 करोड़, राजस्थान में 0.13 करोड़ थी|
आंकड़ों के अनुसार लगभग 90 प्रतिशत बाल मजदूर, ग्रामीण क्षेत्र में लगे हुए थे| बाल श्रम का मुद्दा केवल भारत देश का ही नहीं बल्कि ये कई विकसित देशों का भी मुद्दा है|
सबसे अधिक बाल श्रम की घटनाएं साल 2010 में अफ्रीका में दर्ज हुईं| इस आंकड़े के अनुसार लगभग 50 प्रतिशत से अधिक बच्चे, जिनकी आयु 5 से 14 साल के बीच की थी, वे बच्चे वहाँ के कारखाने में काम किया करते थे|
देश के विकास के लिए, बाल श्रम के सभी प्रभाव को, उद्योगपतियों और व्यापारियों को इस बात से अच्छी तरह से अवगत कराना होगा और हम सभी को यह समझना होगा की बाल मजदूरी को रोकने का सिर्फ एक रास्ता है और वह है – शिक्षा|
Conclusion of child labour
ताकि भविष्य में सुरक्षित हाई क्लास की नौकरियों के जरिये, अपनी और देश का गौरव बढ़ाने में मदद मिलेगी और इसी से देश का भी विकास होगा|
धीरे धीरे समय बदल रहा है और लोगों में जागरूकता बढ़ रही है| एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में बाल श्रम की घटनाओ में गिरावट आई है| जैसे साल 1960 में 25 प्रतिशत थी और 2003 तक 10 प्रतिशत की कमी आई है|
दोस्तों आप सभी निवेदन है की हमें विस्तार से, इस समस्या के बारे जागरूकता फैलानी चाहिए और इस मुद्दे को समाज से हटाने के लिए कुछ सकारात्मक कदम उठाने चाहिए| देश का युवा होने के नाते , हमें देश के विकास और समृद्धि के लिए, अधिक जिम्मेदार होना चाहिए क्योंकि
यदि सुरक्षित होगा बचपन , बन जायेगा भविष्य उज्जवल !
बाल श्रम कानून की किताब –
- Child Labour Prohibition & Regulation Act 1986
- बालक और कुमार श्रम (प्रतिषेध और विनियमन) अधिनियम , 1986 एवं नियम
- child labour act 1986
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