Sabse Bada Daanveer: Azeem Premji Success Story in Hindi
भारत का सबसे बड़ा दानवीर : अज़ीम प्रेम जी
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Azeem Prem Ji |
आज हम बात करने जा रहें हैं दुनिया के सबसे धनी व्यक्तियों में शामिल, भारत के बिल गेट्स कहे जाने वाले विप्रो Limited कम्पनी के चेयरमैन अज़ीम प्रेम जी की जो आज के समय में भारत के पंद्रहवे और विश्व के 62वें सबसे धनी व्यक्ति हैं|Sabse Bada Daanveer: Azeem Premji Success Story in Hindi
अज़ीम प्रेम जी ने अपने पिता की तेल और साबुन बनाने वाली छोटी सी कम्पनी को, आज इस मुकाम पर ला खड़ा किया है जिससे करीब 181000 लोगों की रोजी रोटी चलती है इसके अलावा अज़ीम प्रेम जी को भारत का सबसे बड़ा दानवीर कहा जाता है क्योंकि वो अपनी आमदनी का एक बड़ा हिस्सा देश के लिए दान कर देते हैं|
उन्होंने अज़ीम प्रेम जी नाम का एक ट्रस्ट भी खोल रखा है जो भारत में एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए करोड़ो रुपये खर्च करता है| आईये हम अज़ीम प्रेम जी की लाइफ को शुरू से जानते हैं –
Azim Premji Success Story in Hindi अज़ीम प्रेम जी का जीवन परिचय
अज़ीम प्रेम जी का जन्म 24 जुलाई 1945 को मुंबई के सिया मुस्लिम परिवार में हुआ था उनके पिता का नाम मोहम्मद हाशिम प्रेम जी था जो खाने में प्रयोग किये जाने वाले तेल और साबुन का बिजनेस करते थे जिस साल अज़ीम का जन्म हुआ उसी साल उन्होंने महाराष्ट्र के जलगाँव जिले में Western Indian Vegetable Products Limited की स्थापना की|
Sabse Bada Daanveer: Azeem Premji Success Story in Hindi अज़ीम प्रेम जी के पैदा होने के सिर्फ दो सालों के बाद, अपना देश आजाद हुआ लेकिन देश विभाजन के मांग ने आजादी के जश्न को ख़त्म सा कर दिया| हिन्दू मुस्लिम दंगे शुरू हो गए| सांप्रदायिक नफरत और हिंसा के बीच, बहुत सारे मुस्लिम परिवार अपनी सरजमीं छोड़ पाकिस्तान रवाना हो गए|
चूँकि अज़ीम प्रेम जी का परिवार भी एक मुस्लिम कौम से था इसीलिए पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्नाह ने उन्हें पाकिस्तान आने का न्यौता दिया| करीबी रिश्तेदारों ने भी सुझाव दिया की हिन्दुस्तान में गैरों के बीच रहकर क्या करोगे?
पाकिस्तान चले आओ, यहाँ अपनी कौम के लोगों के बीच रहने का मौका मिलेगा लेकिन हाशिम प्रेम जी ने अपनी सरजमीं यानि भारत में रहने का फैसला लिया जिसके बाद अज़ीम प्रेम जी ने बारहवीं तक की पढ़ाई मुंबई के सेंट मैरी स्कूल से की|
बारहवीं की पढ़ाई पूरी होने के बाद उनके पिता चाहते थे की बिजनेस को अच्छी तरह से सँभालने के लिए बेटा अमेरिका जाकर पढ़ाई करे इसीलिए उन्होंने अज़ीम का एडमिशन अमेरिका के Stanford यूनिवर्सिटी में करवा दिया जिसके बाद अज़ीम प्रेम जी को एक नया माहौल मिला|Sabse Bada Daanveer: Azeem Premji Success Story in Hindi
उस समय अमेरिका के लोगों के लिए कंप्यूटर बहुत आम चीज होती जा रही थी लेकिन भारत में कंप्यूटर का बिलकुल भी चलन नहीं था| अमेरिका पहुंचकर पहली बार उन्होंने आई टी के महत्त्व को जाना और फिर सुनहरे भविष्य के सपनो के साथ वो पढ़ाई में जुट गए लेकिन तभी साल 1966 में जब वो सिर्फ इक्कीस साल के थे अचानक उनके पिता की मृत्यु हो गई जिसकी वजह से उन्हें पढ़ाई बीच में ही छोड़कर भारत वापस लौटना पड़ा|
जब वे भारत वापस आ गये तब उन्होंने अपने पिता का बिजनेस सँभालने का मन बनाया लेकिन लोगों ने कहा की विदेश में पढ़ाई की है, तेल साबुन के बिजनेस में मत पड़ो, बेहतर है की अच्छी खासी सैलरी और अच्छी सुविधाओं वाली नौकरी कर लो लेकिन इन सभी बातों को अनसुना करते हुए अज़ीम प्रेम जी ने अपने पिता के कारोबार की कमान थाम ली|
आगे चलकर कुछ ही समय बाद जो लोग अज़ीम प्रेम जी इस बिजनेस में घुसने के लिए मना कर रहे थे वही लोग उनके काम करने के अंदाज को देखकर यह कहने लगे की बेटा तो पिता से भी ज्यादा तरक्की करेगा|Sabse Bada Daanveer: Azeem Premji Success Story in Hindi
अज़ीम प्रेम जी ने कुकिंग आयल और साबुन के अलावा भी, कम्पनी में बहुत सारे और भी उत्पाद जोड़ दिए और फिर साल 1977 में कम्पनी का नाम बदलकर Wipro Products Limited कर दिया |
उन दिनों अपना देश इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काफी पीछे था और अमेरिका से पढ़ाई करके आये अज़ीम प्रेम जी को , इस क्षेत्र में एक अच्छा भविष्य नजर आ रहा था इसीलिए उन्होंने इसी क्षेत्र में कम्पनी के विस्तार का फैसला लिया जिसके बाद साल 1980 में उन्होंने अपनी कम्पनी का नाम बदलकर Wipro Limited कर दिया और फिर उनकी कम्पनी अमेरिका के Sentinel Computer Corporation के साथ मिलकर, मिनी कंप्यूटर बनाने लगी और फिर देखते ही देखते कारोबार बढ़ता चला गया और विप्रो देश की सबसे बड़ी कम्पनी बन गई|
यही कारण था की साल 1999 से लेकर 2005 तक, अज़ीम प्रेम जी भारत के सबसे अमीर व्यक्ति रहे और सबसे बड़ी बात की उन्होंने धन दौलत के साथ साथ, सम्मान भी कमाया| अपनी कम्पनी के कर्मचारियों के लिए वे दुनिया के सबसे अच्छे बॉस हैं तो आम लोगों के लिए सबसे अच्छे इंसान साबित हुए| Sabse Bada Daanveer: Azeem Premji Success Story in Hindi
साल 2001 में अज़ीम प्रेम जी ने Azim Premji Foundation की स्थापना की| इसका मकसद गरीब और बेसहारा लोगों की मदद करना है| ये फाउंडेशन कई राज्यों में सरकार के साथ मिलकर शिक्षा के क्षेत्र में काम करता है|
जून 2010 में दुनिया के दो सबसे बड़े दौलतमंद बिल गेट्स और वारेन बफेट The Giving Pledge अभियान शुरू किया| यह अभियान दुनिया के अमीर लोगों को इस बात के लिए प्रेरित करता है की वो अपनी संपत्ति का कुछ हिस्सा परोपकार के लिए खर्च करें|
अज़ीम प्रेम जी इस अभियान में शामिल होने वाले पहले भारतीय बने| इसके अलावा साल 2013 में उन्होंने अपनी दौलत का 25% दान में दे दिया|
अज़ीम प्रेम जी का कहना है अगर ईश्वर ने हमें दौलत दी है तो हमें दूसरों के बारे में जरूर सोचना चाहिए|
Azeem Premji India’s Top Philanthropist / अज़ीम प्रेम दानवीरों की लिस्ट में सबसे ऊपर
Sabse Bada Daanveer: Azeem Premji Success Story in Hindi वैसे तो भारत में अमीरों की गिनती करेंगे तो अम्बानी से लेकर बिरला तक के नाम सबसे पहले आयेंगे लेकिन जब बात आती है दानवीरों की तो अम्बानी से भी पहले नाम आता है अज़ीम प्रेमजी का|
दान कोई ऐसा वैसा नहीं बल्कि पूरे 22 करोड़ रुपये प्रतिदिन का| रकम सुनकर आपको विश्वास नहीं हो रहा होगा लेकिन सच्चाई यही है पूरे प्रमाण के साथ Hurun Report India की ओर से एक लिस्ट जारी की गई है जिसमे ये जानकारी दी गई है|
अज़ीम प्रेम जी ने एक साल में 7904 रुपये का दान किया है यानि हर दिन के हिसाब से 22 करोड़ रुपये का दान| इस लिस्ट में कई नाम हैं लेकिन अज़ीम प्रेम जी सबसे ऊपर हैं|
अगर लिस्ट की बात करें तो HCL के शिव नाडार दूसरे नंबर पर हैं, रिलायंस के मुकेश अम्बानी तीसरे नंबर पर, कुमार मंगलम बिड़ला चौथे नंबर पर और अनिल अग्रवाल पांचवे नंबर पर हैं |
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Azeem Premji & Narendra Modi |
अज़ीम आई टी क्षेत्र की कम्पनी विप्रो के मालिक हैं| इस साल दस करोड़ रुपये से ज्यादा दान देने वालों की संख्या भी बढ़ी है, ये संख्या 72 से बढ़कर अब 78 हो गई है|
आपका बहुमूल्य समय देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद !
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