Successful Entrepreneur Profile Women Story of India

 Successful Entrepreneur Profile Women Story of India

दोस्तों किसी ने ठीक ही कहा है Successful Entrepreneur Profile Women Story of India, एक सपना जादू से हकीकत नहीं बन सकता जब तक  इसमें पसीना , दृढ संकल्प और कड़ी मेहनत नहीं लगती है लेकिन कहतें हैं न एक महान व्यक्तित्व की शुरुवात एक छोटे से सपने से ही होती है | 
अगर हम याद रखें की हमारे अन्दर वो शक्ति है , धैर्य है और जज्बा है की हम सितारों को छू सके और  इस दुनिया को बदल दें तो कोई भी समाज या कितनी भी छोटी जिन्दगी , हमें रोक नहीं सकती|Successful Entrepreneur Profile Women Story of India
आज हम आपको एक ऐसी भारतीय महिला के बारे में बताने जा रहें हैं जिन्होंने अपने दम पर , अपने जज्बे के बलबूते एक मिशाल कायम कर दी | दोस्तों , हम बात कर रहें हैं Shopclues  Successful Entrepreneur 
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Shopclues 

Successful Entrepreneur Profile Women : Radhika Aggarwal

कम्पनी की को फाउंडर और चीफ मार्केटिंग ऑफिसर , राधिका अग्रवाल की entrepreneur of India राधिका अग्रवाल एक आर्मी परिवार से सम्बन्ध रखतीं हैं | उनके पिता जी आर्मी में थे और माता जी एक डायटीशियन हैं |
 
राधिका अग्रवाल Entrepreneur Women अपने आप में वुमन एम्पावरमेंट और आज की नारी , सब पर भारी का जीता जागता उदहारण हैं | भारत की सबसे जानी मानी और सफल वेबसाइट में से एक Shopclues की शुरुवात , इन्होने 2011 में , गुडगाँव में की थी | दस लोगों से शुरू हुई ये कम्पनी , आज की सबसे सफल ई-कॉमर्स वेबसाइट में से एक है | आज Shopclues में , एक हज़ार से ज्यादा कर्मचारी , काम करते हैं और हर महीने यह 80 करोड़ का कारोबार करती है |Successful Entrepreneur Profile Women Story of India
 
Shopclues की मजबूत फाउंडेशन की वजह से वेंचर कैपिटल फंडिंग के अंतर्गत , इन्हें सौ मिलियन डॉलर की फंडिंग भी मिली है | 

Entrepreneur women Radhika Aggarwal Education

राधिका अग्रवाल Entrepreneur of India ने एडवरटाइजिंग और पब्लिक रिलेशन में , पोस्ट ग्रेजुएशन की है | साल 1997 और 1999 के बीच , उन्होंने अपनी एक विज्ञापन एजेंसी भी चलाई | साल 1999 में एम बी ए करने USA चली गईं | वहां उन्होंने वाशिंगटन यूनिवर्सिटी , सेंट लुईस से अपनी एम बी ए की पढ़ाई पूरी की |

Entrepreneur of India Radhika Aggarwal’ start of Career 

साल 2000 में जल्दी ही वो , पोपुलर फाइनेंसियल कम्पनी Goldman Sachs में शामिल हो गईं लेकिन अगले ही साल वो Nordstorm कम्पनी में चली गईं  जो वालमार्ट की तरह ही अमेरिका की , एक प्रतिष्ठित डिपार्टमेंटल स्टोर की एक चेन है | Nordstorm में राधिका अग्रवाल ने , काफी कुछ सीखा | राधिका ने 2006 तक , Nordstorm के लिए काम किया |
इसके बाद राधिका अग्रवाल ने खुद , Fashionclues नाम की वेबसाइट शुरू की जिसमे उन्होंने साउथ एशिया और अमेरिका के हिस्सों को टारगेट किया | इस कम्पनी को , उन्होंने अकेले ही संभाला | Nordstorm के अनुभव और Fashionclues को चलाने से मिली सीख को लेकर राधिका ने 2011 में  Shopclues की नींव डाली |
उनकी कम्पनी काफी कस्टमर्स फोकस्ड रहती है | अपनी Buyer Protection Policy के अंतर्गत , वो सामान वापस करने की आसान सहूलियत देती है | इससे कस्टमर्स कॉन्फिडेंस का निर्माण होता है | 
 
Shopclues पर पहली बड़ी चुनौती के बारे में , याद करती हुई वे Successful Enterpreneur बतातीं हैं की , ” हमारे पहले वैलेंटाइन डे के लिए हमें फूलों के 200 बुके चाहिए थे , उस दिन उनके वेंडर ने उन्हें माल सप्लाई करने के बजाय , खुद ही सारे फूल बेच डाले | इसे ठीक करने के लिए हम बाहर गए और हमने फूलों की जगह और सॉफ्ट टॉयज भेज दिए और साथ ही कस्टमर्स से माफ़ी भी मांग ली |
मतलब , बात बिगड़ जाती है लेकिन ऐसे समय में , आप कैसी प्रतिक्रिया देतें हैं , ये मायने रखता है | राधिका Entrepreneur of India ने अपने  सक्सेस मन्त्र पूछे जाने पर , उन्होंने बताया – जिंदगी का हर एक दिन , पिछले दिन से बेहतर होना चाहिए ! आज , कल से बेहतर होना चाहिए और कल आज से | अगर ज़िन्दगी में इस चीज को लेकर हम चले तो सिर्फ , आगे बढ़ते जायेंगे |
 

अवार्ड्स – 

राधिका अग्रवाल Successful Entrepreneur Profile को अब तक कई अवार्ड्स भी मिल चुके हैं – 
 
  • आउटलुक बिजनेस अवार्ड्स – 2016 , राधिका अग्रवाल को साल 2016 में Outlook Business Woman of Worth के पुरस्कार से नवाजा गया |
  • Enterpreneur India Awards2016 ने राधिका अग्रवाल को Woman Enterpreneur of the Year के सम्मान से सम्मानित किया |
  • Exemplary Woman Enterpreneur of the Year  का अवार्ड CMO Asia Awards ने इन्हें 2016 में प्रदान किया गया |
  • CEO India Awards ने  , साल 2016 में राधिका अग्रवाल को CEO of the Year से सम्मानित किया |

Upasna Taku : Successful Entrepreneur Profile Women

अब हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे इंसान के बारे में जिसकी पारिवारिक पृष्ठभूमि का , उद्यमिता Entrepreneur Types के क्षेत्र से कोई नाता नहीं रहा फिर भी उन्होंने इस क्षेत्र में जो  उपलब्धियां  हासिल की हैं वो भारतीय महिलाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत है |
 
इनकी सफलता का सबसे बड़ा आधार इनका पॉजिटिव Attitude रहा | उपासना टाकू Successful Entrepreneur Profile Women of India , हमारे देश की पहली मोबाइल वॉलेट कंपनी की सह – संस्थापक हैं | Mobikwik , भारत का पहला मोबाइल वॉलेट है जोकि अब एक फाइनेंसियल सर्विस प्लेटफ़ॉर्म में परिवर्तित हो चुका है |

 

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Mobikwik

 

आज Mobikwik के यूजर्स की संख्या 110 मिलियन के पार पहुँच चुकी है | अपने उपयोगकर्ताओं की संख्या को 250 मिलियन तक पहुँचाने का , Mobikwik कम्पनी का लक्ष्य है |
 
उपासना Entrepreneur Women का कहना है की ” मैं हमेशा सकारात्मक रहती हूँ और यही सलाह दूसरों को भी देती हूँ
 
उपासना टाकू Entrepreneur of India का सम्बन्ध , भारत के कश्मीर राज्य से है | बचपन से ही इनके घर में शिक्षा का अच्छा माहौल रहता था | उपासना के पिता जी , फिजिक्स के प्रोफेसर थे |
 
उपासना Entrepreneur Story बतातीं है की वो जीवन के अलग अलग समय पर कभी पत्रकार , कभी डॉक्टर , कभी पायलट तो कभी इंजिनियर का काम करने का सपना देखा करतीं थीं लेकिन दसवीं क्लास के बाद उन्होंने फैसला कर लिया की इंजिनियर ही बनना है |
बाद में उपासना टाकू Successful Entrepreneur Profile ने अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री , जालंधर के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से , इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग में पूरी कई और फिर वो  मास्टर्स की डिग्री लेने के लिए अमेरिका चली गईं | वहां उन्होंने Stanford यूनिवर्सिटी से  Management Science & Engineering में , पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर ली |

Entrepreneur Woman उपासना टाकू के कैरियर की शुरुवात –

                                                           उपासना टाकू Entrepreneur of India ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद , सैन डियागो के HSBC बैंक से , अपने कैरियर की शुरुवात की | वहां उन्होंने विभिन्न प्रकार के काम किये और अनुभव लिए , जिसमे लॉयल्टी प्रोग्राम के अलावा प्रोजेक्ट सेल्स , फाइनेंसियल रिस्क और ऑपरेशन सम्बन्धी काम शामिल थे |
 
HSBC बैंक में वहां पर , उपासना टाकू , बैंक एनालिस्ट टीम का हिस्सा भी बनी | इसके बाद उन्होंने Paypal की तरफ  रुख किया और Paypal कम्पनी में उनको , Payment Space के बारे में बहुत सारी जानकारियां मिली |
 
इन तमाम उपलब्धियों के बावजूद , उपासना टाकू Entrepreneur Women की जिंदगी में , आत्मसंतुष्टि की कमी थी और अपनी इसी सबसे बड़ी वजह से उन्होंने हिन्दुस्तान , वापस लौटने का निर्णय लिया |

Entrepreneur Profile उपासना टाकू ने की मोबाइल पेमेंट वॉलेट की शुरुवात –

                                                     साल 2009 में , उपासना टाकू Successful Entrepreneur Profile की जब भारत वापसी हुई तो उन्होंने लोगों से मिलने जुलने में कुछ समय व्यतीत किया और अपने आइडियाज पर मंथन करने का काम जारी रखा | एक दिन उनके किसी दोस्त के माध्यम से , उनकी मुलाकात बिपिन प्रीत सिंह से हुई | 
 
Paypal कम्पनी में काम करने के कारण उनके मन में  , Paypal के जैसा मोबाइल वॉलेट सिस्टम , भारत में भी शुरू करने की इच्छा थी | बस उनको ये स्पष्ट नहीं था की ये काम होगा कैसे | उपासना ने बिपिन को , उसके स्टार्ट अप Mobikwik में,  उसकी मदद करने का फैसला किया |
 
आखिरकार फ़रवरी  2010 में , उनको अपने आईडिया पर विश्वास बढ़ गया और बिपिन के स्टार्ट अप Mobikwik में , उपासना टाकू ने एक सह – संस्थापक के तौर पर ज्वाइन कर लिया | 
 
भारत में उस समय तक ई – कॉमर्स अपने बचपन में था और विकसित हो ही रहा था | स्मार्ट फ़ोन का चलन भी शुरुवाती दौर में ही था | पेमेंट गेटवे के क्षेत्र में भी विशेष प्रगति नहीं हुई थी | इन्टरनेट संसाधनों की कमी के कारण , ज्यादातर लोग , मोबाइल नंबर रिचार्ज करवाने के लिए रिटेलर का पास जाते थे और 10-10 रूपये का टॉप अप करवाते थे |
 
वे नहीं जानते थे , नगद धनराशि के अलावा भी लेन देन संभव है | मोबाइल वॉलेट की महत्ता के बारे में , किसी को कोई जानकारी नहीं थी | इसलिए उन्होंने Mobikwik को पहले , रिचार्ज प्लेटफार्म के तौर पर , इन्टरनेट पर लांच किया, जिसे  जल्दी ही , मोबाइल वॉलेट के रूप में बदल दिया गया |
दो कमरों से हुई Mobikwik की शुरुवात Entrepreneur Story
                                                                 उपासना Entrepreneur of India का मानना है की अपना स्टार्ट अप शुरू करने में , बहुत चुनौतियों का सामना करना पड़ता है |
 
इन्होने अपने घर के दो कमरों से , अपने बिजनेस के काम की शुरुवात की थी | यह वो दौर था जब उन्हें अपने बिजनेस आईडिया को सफल करके , दुनिया को दिखाना था | शुरुवात में Mobikwik के वित्तीय काम को सँभालने में सबसे बड़ी चुनौती , खुद को साबित करना था |
 
बाद में हालातों में थोड़ा बदलाव आया और इनके स्टार्ट अप को  निवेशकों  के निवेश भी मिलना शुरू हो गए | निवेशकों में यह विश्वास और अहसास , दोनों हो चुका था की महिलाओं में मेहनत करने और कम्पनी को बहुत ऊंचाई तक ले जाने का माद्दा होता है |
 
महिला उद्यमियों के लिए उपासना टाकू Successful Entrepreneur का कहना है की – बड़े सपने देखें ! पूरे आत्मविश्वास के साथ इस संसार को अपने टैलेंट , अपने ज्ञान , अपनी सोच और अपने विचार से परिचय करवाएं | हमेशा अपने दिल की सुने और एक दिन दुनिया को जीतकर दिखा दें |

Successful Entrepreneur Profile Women: Richa Kar

महिलाओं के लिए कई बार बाज़ार में , दुकान से अंडर गारमेंट्स खरीदना काफी  मुश्किल होता है | यदि दुकानदार पुरुष हो तो यह और भी कठिन हो जाता है | आज हम बात करने जा रहें हैं , अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण के दम पर 700 करोड़ की कम्पनी , खड़ी कर देने वाली , भारतीय महिला रिचा कर Successful Entrepreneur जो , Zivame  ब्रैंड की मालिक हैं|
 
रिचा  Entrepreneur Women ने महिलाओं की समस्या को समझते हुए , एक ऑनलाइन वेबसाइट Zivame की शुरुवात की हालाँकि रिचा ने जब ये आईडिया अपने घर में बताया Entrepreneur story तो सबसे पहले उनकी माँ , इसका विरोध करते हुए बोलीं की वो अपने दोस्तों को कैसे बतायेंगी की उनकी बेटी , महिलाओं के अंडर गारमेंट्स बेचती है ?
 
तो चलिए आज हम रिचा कर Successful Entrepreneur Profile Women  की सफलता की कहानी को करीब से जानते हैं –
 
रिचा का जन्म 17 july 1980 को जमशेदपुर में हुआ था | वह एक बहुत ही साधारण परिवार में पली बढीं थीं | रिचा के पिता जी टाटा स्टील में काम करते थे और उनकी माँ हाउसवाइफ थीं | रिचा कर ने BITS पिलानी से , सिविल इंजीनियरिंग में अपनी पढ़ाई पूरी की और आई. टी . क्षेत्र की एक कम्पनी में , सॉफ्टवेयर एनालिस्ट के तौर पर काम करना शुरू किया लेकिन रिचा को हमेशा से ये जानने की जिद रहती थी की कोई भी बिजनेस कैसे काम करता है और वह किसी बिजनेस को , किस तरह से शुरू कर सकती हैं ?
 
साल 2005 में उन्होंने , NMIMS से MBA करना शुरू किया और 2007 तक पूरा किया | MBA के बाद उन्होंने Spencer’s में , एक Brand Communication Manager के रूप में काम किया | इसके एक साल बाद ही , उनका प्रमोशन एरिया मैनेजर के तौर पर हो गया |
 
मार्च 2010 में में उन्हें SAP के साथ Business Consultant के रूप में भी , काम करने का अवसर मिला | SAP में उन्होंने , लीडरशिप के बारे में काफी कुछ सीखा और बिजनेस में काम कैसे होता है ?  इन बातों को भी समझा | धीरे धीरे अपना बिजनेस शुरू करने को लेकर, उनका जूनून बढ़ता गया जिसने उन्हें Zivame को शुरू करने में प्रेरित किया |
 
रिचा ने देखा की भारत में ऑनलाइन Lingerie की खरीददारी बहुत कम है | लोग ऑनलाइन पोर्टल में Lingerie केटेगरी होने के बारे में , सोच भी नहीं सकते | इसके अलावा भारत के दस बड़े शहरों को छोड़कर , दूसरे शहरों में Lingerie  के अच्छे ब्रैंड तक उपलब्ध नहीं थे | शुरुवात में रिचा ई – कॉमर्स के बारे में सोच भी नहीं रहीं थीं | यह केवल अभी रिचा का आईडिया भर था की वो किस तरह भारत में , Lingerie  मार्केट की कैप को पूरा कर सकती हैं | साथ ही रिचा Entrepreneur Women ने यह भी देखा की भारत में Lingerie  डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम में काफी खामियां भी थीं और महिलाओं को भी खरीददारी करते समय , दुकानदार से बात करने में बहुत असहज लगता है |
 
हालाँकि सुची मुखर्जी भी , एक ऐसे ही वेंचर के साथ मार्केट में आई थीं जो महिलाओं से जुड़े प्रोडक्ट से था लेकिन उनके वेंचर में Launched प्रोडक्ट की कोई रेंज नहीं थी | रिचा अपनी वेबसाइट का नाम ZIVA रखना चाहतीं थीं लेकिन वेबसाइट का नाम उपलब्ध न होने के कारण उन्हें Zivame रखना पड़ा जिसका मतलब होता है ” मुझमे चमक होना “
 
Zivame बिजनेस एक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के तहत आना चाहता था जो Lingerie  के फिजिकल डिस्ट्रीब्यूशन की समस्या को कम कर सके | रिचा ने अपने दोस्तों और परिवार से तीस लाख रूपये उधार लिए और ये सभी बातें रिचा ने ध्यान में रखकर,  25 अगस्त 2011 को , ई -कॉमर्स प्लेटफार्म Zivame की शुरुवात करी | 

 

Successful Entrepreneur Profile Women Story of India
E-Commerce Plateform Zivame

 

रिचा entrepreneur of India ने सोचा की एक ऐसा ई-कॉमर्स प्लेटफार्म बने जो  Lingerie  बिज़नेस की लेन देन को आसानी से संभालेगा और लोगों की प्राइवेसी भी मेन्टेन रखेगा |
 
उन्होंने अपनी  ई-कॉमर्स वेबसाइट को इस तरह से डिजाईन किया की, यह न केवल प्रोडक्ट को कस्टमर तक पहुंचाए बल्कि महिलाओं को प्रोडक्ट और सही फिट चुनने के बारे में जानकारी भी दे | Zivame में ऑनलाइन प्रोडक्ट एक्सपर्ट भी थे जिनसे महिलायें चैट भी कर सकतीं हैं और सवाल भी पूंछ सकती हैं | इसके अलावा रिचा ग्राहकों को अच्छी सर्विसेज देने में भी विश्वास रखतीं हैं | इसलिए उन्होंने कस्टमर्स को एक्सचेंज ऑफर , रिवर्स ऑफर और मनी बैक जैसी पालिसी भी दी | 
 
इससे ग्राहकों का zivame पर भरोसा बढ़ता गया और  zivame के बिजनेस में स्थायित्व भी आ गया लेकिन इस दौरान रिचा को , कई कठिनाईयों का सामना भी करना पड़ा |  रिचा का परिवार शुरू में यह जानकर बहुत खुश था की रिचा Entrepreneur of India बिजनेस में आगे बढ़ना चाहती हैं हालाँकि उन्होंने इस बात को , गंभीरता से नहीं लिया | जब उनके माता पिता को, ऑनलाइन बिजनेस शुरू करने का पता चला तो उन्हें यह पसंद नहीं आया | दूसरी ओर , उनकी माँ को शर्मिंदगी का डर रहता था क्योंकि यह बिजनेस उन्हें असहज लगता था |
 
साल 2015 और 2016 में उन्हें जो बड़ी चुनौती मिली,  उनकी कम्पनी को 54 करोड़ घाटा लगा लेकिन रिचा Entrepreneur Women पीछे नहीं हटी और आगे बढ़ती रहीं | आज , zivame के पास 5000 से अधिक रेंज और पचास से अधिक ब्रैंड शामिल हैं जिसमे ढाई मिलियन से अधिक यूनिक विजिटर्स हर महीने , वेबसाइट पर आते हैं और एक मिनट में , वेबसाइट पर दो अंडर गारमेंट्स भी बिक चुकते हैं |
 
वह अपनी कड़ी मेहनत , साहस और पक्के इरादों के कारण ही zivame को बाज़ार में बनाये रखने में सफल हुईं हैं | एक  Entrepreneur Women के रूप में रिचा की यह यात्रा Entrepreneur Journey , Motivational है और कुछ युवा Youngest Entrepreneur को , इनसे सीखना भी चाहिए |

Falguni Nayar : Successful Entrepreneur Profile Women

बिल्कुल सही फिल्माया गया है , सफल होने के लिए सफलता की इच्छा , असफलता के भय से अधिक होनी चाहिए | जी हाँ , कुछ ऐसी रियल कहानियाँ जो बतायेंगी आपको , की पहाड़ तोड़ने का असली अर्थ क्या होता है ? ये माना गया की सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता है ! जी बिल्कुल , बस आवश्यकता होती है दो चीजों की जिसमे पहला है आत्मविश्वास और दूसरी कड़ी मेहनत |
 
चलिए अब आपको बतातें हैं ऐसी ही एक कहानी NYKAA बाज़ार की | अपने बढ़िया से कॉर्पोरेट कैरियर को अलविदा कर , किया स्टार्ट अप , दो साल में हुआ 214 करोड़ का टर्नओवर |
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Nykaa

 

सौन्दर्य प्रसाधनों को , सामान्य रूप से,  सिर्फ रूप सज्जा के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले प्रोडक्ट के तौर पर माना जाता है | जब महिलायें इन प्रसाधनों के लिए बाहर जाती हैं तो उनके शारीरिक स्वरुप के अनुरूप कौन सा उत्पाद उचित होगा | इस सम्बन्ध में उन्हें कम जानकारी होती है और सबसे बड़ी बात , उचित जानकारी देने वाले बहुत कम होते हैं |
 
महिलाओं की इन समस्याओं को समझते हुए , अपने पच्चीस साल के चमकदार कैरियर को छोड़कर , सौन्दर्य प्रसाधन के क्षेत्र में कदम रखने वाली महिला को समर्पित है , हमारी ये कहानी | 1985 बैच से आई. आई. एम. अहमदाबाद से निकलने के बाद फाल्गुनी नायर ने अपने कैरियर की शुरुवात A.F. Ferguson & Co से की | 1993 में वो कोटक महिंद्रा बैंक में आ गईं और उन्होंने कम्पनी के लन्दन ऑफिस की स्थापना की और तीन साल बाद अमेरिका में , कम्पनी का कार्यालय स्थापित किया |
 
2001 में वो भारत आ गईं और 2012 तक , उन्होंने कोटक महिंद्रा के साथ ही काम किया | 
 
फाल्गुनी नायर ने 2012 में , Nykaa नाम की ई – कॉमर्स कम्पनी की शुरुवात की | यहाँ उन्होंने ब्यूटी , मेक अप , पर्सनल केयर और वैलनेस से जुड़े उत्पाद को बेचने की शुरुवात की | इंटरनेशनल स्तर के उत्पाद और उनकी कार्य प्रणाली को भारतीय महिलाओं के लिए यहाँ के बाज़ार में लाने का , उत्कृष्ट प्रयास था |
 
यहाँ इस काम को शुरू करने के लिए फाल्गुनी ने कोटक महिंद्रा की कैपिटल प्रबंध निदेशक की नौकरी छोड़ दी | इन्वेस्टमेंट बैंकर के तौर पर , कोटक महिंद्रा के साथ 19 साल और फाइनेंस सेक्टर के अपने 25साल  के कैरियर को छोड़कर , फाल्गुनी ने बिल्कुल अलग क्षेत्र में कदम रखा | 
 
फाल्गुनी नायर की व्यावसायिक कुशलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है की पहले दो साल में Nykaa का टर्नओवर पहले दो साल में 15 करोड़ से , साल 2017 में , 214 करोड़ तक पहुँच गया | यूज़र्स तीन लाख से ढाई करोड़ तक पहुँच गए |
 
है न ये कमाल की बात दोस्तों , फाल्गुनी के मन में Nykaa के विचार को तब और बल मिला जब वो अपनी विदेश यात्रा पर न्यू यॉर्क के एक शोरूम में गईं हालाँकि फाल्गुनी नायर कभी सौन्दर्य प्रसाधनो की कोई नियमित ग्राहक नहीं थीं पर तारीफ़ की बात ये हैं की उन्होंने फिर भी इस क्षेत्र में , कदम रखने का फैसला लिया | उन्होंने ग्राहकों द्वारा दी गई प्रतिक्रिया पर काफी गौर किया और इन सबको संकलित किया | जिसकी वजह से उनके ग्राहकों की संख्या बढ़ने लगी | लोग अपने मन के उत्पाद पाने लगे |
 
फाल्गुनी के इस स्टार्ट अप में , निवेशकों का काफी विश्वास है और कई कंपनियों का Nykaa में काफी सारे पैसों का निवेश भी हुआ है | Nykaa पर करीब 1500 ब्रैंड की उपलब्धता है | फाल्गुनी नायर जब आई. आई. एम. अहमदाबाद पहुंची तो उनकी मुलाकात संजय नायर  से हुई और मित्रता से होते हुए उनका विवाह 1987 में हुआ | संजय ने साल 2009 तक , सिटी ग्रुप के साथ काम किया |
 
आज फैशन की दुनिया में कौन नहीं जानता फाल्गुनी नायर को ?
 
दोस्तों जिंदगी में सबसे बड़ी ख़ुशी , उस काम को करने में आती है जिसे लोग कहतें है की तुम नहीं कर सकते | है न ये सच ?

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