Micromax IN 1B & IN Note 1 Indian First Buy Killer Deal

Micromax IN 1B & IN Note 1 Indian First Buy Killer Deal

 
आप सब लोगों को पता चल ही चुका होगा की अब भारतीय स्मार्टफोन बनाने वाली कम्पनी Micromax दोबारा वापसी कर रही है |
 
दोस्तों हम सब भारतीय को जिस फ़ोन का इंतज़ार था वो है Micromax की तरफ से – भारतीय स्मार्टफोन निर्माता कम्पनी Micromax ने दो स्मार्ट फ़ोन Micromax IN 1B & IN Note 1 लांच किये हैं|
 
Micromax Indian smartphone Manufacturer 

 

MicromaxIndian #1 smartphone brand

 
पहला है Micromax IN 1B जोकि ग्राहक को मिल रहा है 6999 रूपये की कीमत से और दूसरा है Micromax in note 1 जिसकी शुरुवाती कीमत है 10999 से|
 
आज के इस आर्टिकल में हम बात करने वाले हैं Micromax in 1 B जोकि आपको बहुत ही सस्ते प्राइज में देखने को मिल रहा है और कौन सा मॉडल आपको खरीदना चाहिए वो भी हम आपको बताएँगे|
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अब देखो सबसे पहले हम फीचर्स की बात करते हैं –

 
16.6 cm (6.52)HD + resolution का डिस्प्ले मिलेगा  Mini drop Display के साथ आता है, अब देखो इस प्राइस सेगमेंट में आपको कहीं कोम्प्रोमाईज़ नहीं करना पड़ रहा है क्योंकि बाकी कॉम्पिटिटर भी आपको एच डी डिस्प्ले ही दे रहें हैं|
 
बाकी यहाँ आपको Mediatek का G-35 का प्रोसेसर मिलता है जहाँ पर आप बेसिक गेम डिसेंट लेवल पर आप खेल सकते हैं| एकदम हाई एंड्स के गेम नहीं चलेंगे| वैसे भी एक बजट केन्द्रित, स्मार्ट फ़ोन रहेगा तो इतना तो चलेगा|Micromax IN 1B & IN Note 1 Indian First Buy Killer Deal
 
बाकी इसमें यहाँ डुअल कैमरा पीछे की तरफ मिलता है 13+2 Megapixel का और 1 मेगापिक्सेल के सेल्फी शूटर आपको आगे की तरफ देखने को मिलेगा|
 
5000 mah की बैटरी है जोकि रिवर्स चार्जिंग को सपोर्ट करता है|
 
10 वाट का चार्जर बॉक्स के अन्दर मिलेगा और सबसे अच्छी बात है की टाइप C का पोर्ट आपको देखने को मिलता है| साथ साथ फिंगर प्रिंट स्कैनर भी है| 3.5 mm  का जैक भी है|
 
ट्रिपल कार्ड स्लॉट भी हैं यहाँ पर और 8.9 mm की थिकनेस के साथ आपको मिलेगा| 188 ग्राम के आस पास इसका वजन है| 
 
बाकी सबसे अच्छी बात जो उपभोक्ताओं को इसमें लगी वो है स्टॉक एक्सपीरियंस आपको मिलेगा क्योंकि ये स्मार्टफोन google का एंड्राइड प्लेटफार्म को सपोर्ट करता है तो यहाँ पर कोई जो फालतू के ads होते हैं, फालतू के notifications होते हैं, फालतू के जो apps pre इन्सटाल्ड रहते हैं वो सब आपको नहीं मिलेगे|
 
वैसे दो वेरिएंट में ये आपको देखने को मिलेगा| तीन कलर वेरियंट में ये अवेलेबल है – ब्लू , ग्रीन और पर्पल|
 
पैटर्न काफी अच्छा है, इसमें आपको मैट फिनिश मिल जाता है और बाकी अगर हम यहाँ पर दो वेरियंट की बात करते हैं तो 
 

Micromax IN 1B Price

 
2 GB + 32 GB का वेरियंट मिलता आपको INR 6999/- में,
 
4 GB +64 GB का वेरियंट  INR 7999/- में मिलगा  है|
 
26 नवम्बर से ये सेल स्टार्ट हो जायेगा| flipkart पर आप जाकर आप खरीद सकते हैं| 
 
Micromax IN 1B & IN Note 1 Indian First Buy Killer Deal
 
और Micromax ब्रांड जोकि इतने सालों के बाद एक नया फ़ोन लांच किया जाये तो उसके हिसाब से देखा जाए तो ये काफी अच्छा कमबैक रहेगा|
 

Indian smartphone Micromax market share अब बढेगा –

 
Micromax IN 1B & IN Note 1 Indian First Buy Killer Deal
Micromax Launch Event

 

 
ग्राहकों को जो सबसे अच्छी बात लांच इवेंट की लगी वो राहुल शर्मा की स्पीच थी सभी भारतीय के लिए, उन्होंने अपने मुंह से जो कहा –
 
जाते जाते सिर्फ एक बात आप लोगों को दिल से कहना चाहूँगा की Micromax को सिर्फ इसलिए consider मत कीजियेगा क्योंकि ये एक इंडियन ब्रांड है और जब बिना परखे कोई सामान मैं नहीं लेता तो फिर आपसे कैसे कह दूं ! 
 
Micromax इंडिया के लिए जरूर है पर क्वालिटी को ताख पर रखते हुए नहीं| आप इसे वैसे ही ठोक बजा के देखिएगा जैसे किसी और ब्रांड का फ़ोन खरीदते वक़्त आप देखते हैं| अच्छा बुरा सब सुनने के लिए मैं आपके सामने खड़ा हूँ| Micromax in for India , Are You in ?  जय हिन्द !
 

Micromax क्यों गायब हुआ मार्केट से –

 
Micromax ने आखिर ऐसी क्या गलतियाँ की ? Micromax का इतिहास क्या है ? वो राइज कैसे हुआ ? उसका फाल कैसे हुआ और क्यूँ Micromax को मार्केट से जाना पड़ा ? वापस आने के बाद अब Micromax क्या कर सकता है आगे ?
 
इस लेख में हम इसी बारे में डिस्कस करने वाले हैं , अगर हम Micromax 
की history में बात करें  तो बहुत सारे लोगों को लगता होगा 2010- 2011 की तरह स्मार्टफोन की एक कम्पनी जिसने मार्केट में तबाही मचा दी थी तो ऐसा नहीं है |
 
ये micromax साल 2000 से इंडस्ट्री में मौजूद है | उस समय ये जो एसटीडी और पीसीओ वगैरह होते थे वहां पर जो GSM के फ़ोन यूज़ होते थे न ये लोग वहां पर GSM के प्रोवाइड कराते थे मतलब ऐसे वाले फ़ोन जिसमे एयरटेल के सर्विस न हो या फिर जो टाटा इंडिकॉम वालों की सर्विस हो | इस तरह के फोन्स की सप्लाई वो लोग करते थे |
 
साल 2010 में चीजें बदलना शुरू हो गईं micromax ने देखा की जो ये feature फ़ोन है वो बहुत तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं अब लोग एसटीडी पीसीओ पर नहीं जा रहा वो अब खुद का मोबाइल रखना ज्यादा पसंद कर रहें हैं तो इसलिए उन्होंने feature फ़ोन बनाना शुरू कर दिया और उस समय micromax का सबसे बड़ा एडवांटेज था की वो लोग बहुत ही यूनिक फ़ोन लेकर आ रहे थे |
 
नोकिया उस टाइम पर बूम पर था नोकिया को टच कर पाना भी बहुत मुश्किल था | सैमसंग का उस वक़्त बाजार में नामोनिशान नहीं था लेकिन इसी बीच निकल कर आया micromax और उसने नोकिया को टच करने की हिम्मत दिखाई लेकिन अभी भी micromax ज्यादा कुछ कर नहीं पाया था लेकिन जब चीजें नेक्स्ट लेवल पर गईं मतलब features फ़ोन से स्मार्टफोन पर ट्रांजीशन हुआ , उस वक़्त micromax ने अपना असली कमाल दिखाया |
 
micromax को शुरुवात में जब स्मार्ट फ़ोन मार्केट में आना था तो सीधा चाइना गया किसी लोकल वेंडर के पास गया जो मोबाइल वगैरह manufacture करते थे और बोला की भैय्या मुझे मोबाइल दो, ये रहा मेरा लोगो| इस मोबाइल पर ये लोगो चिपकाओ और हमें दस लाख बीस लाख यूनिट हमें इंडिया में भिजवा देना |
 
और उस समय micromax ऐसा करने वाली कम्पनी अकेली नहीं थी उस समय  जितनी भी हम सो कॉल्ड इंडियन कम्पनी की बात करें जैसे micromax , लावा , लेमन जितनी भी ये कम्पनी थीं सब यही कर रही थी , चाइना जाती थीं अन ब्रांडेड कोई भी फ़ोन उठाती थी उसमे अपना लोगो चिपकाकर यहाँ इंडिया में लाके बेच देती थी |
 
बस micromax ने क्या किया जब उनकी कम्पनी की वैल्यू थोड़ी बढ़ गई तब उन्होंने कुछ फ़ोन्स सारे फ़ोन नहीं , कुछ फ़ोन के डिजाईन उन्होंने खुद बनाये | डिजाईन लेकर चाइना गए , कम्पनी वालों से बोला की की भईया ये हमारा डिजाईन है ये हमारा लोगो है , बनाओ ,लोगो चिपकाओ इंडिया भिजवा देना |
 
अगर हम बात करें 2010 2011 2012 की तो उस वक़्त इंडियन लोअर मिडिल क्लास उपभोक्ता जो 95% थे उस समय देश के ,  उन लोगों के पास स्मार्ट फ़ोन खरीदने के दो आप्शन थे या वो जो प्योर चाईनीज़ फ़ोन था या तो वो वो ले लें | 
 
कुछ कुछ तो फ़ोन बहुत चलते थे , कुछ फ़ोन जब लेके आये अगले दिन दो दिन पांच दिन दस दिन के बाद उसमे प्रॉब्लम आनी शुरू हो जाती थी अब क्योंकि वो किसी भी ब्रांड का प्रोडक्ट नहीं है था अगर उसमे कोई गड़बड़ आ गई तो वो जिसने ख़रीदा है वो लेके बैठा रहता था कुछ भी नहीं कर पाता था |
 
दूसरा आप्शन था हमारे पास जो नई कम्पनी थी उभर के आ रही थी स्मार्टफोन मार्केट में और उसका नाम था सैमसंग या तो वो सैमसंग का एंड्राइड फोन लेले लेकिन सैमसंग की सबसे बड़ी दिक्कत क्या थी , वो बहुत महंगा था लेकिन जो नार्मल भारतीय उपभोक्ता थे उनके हिसाब से काफी ज्यादा महंगा था  और अगर हम बात करें नोकिया की नोकिया उस वक़्त महान था , उसका क्या हुआ ?
 
तो उसका जो अहंकार था वो शायद उसे ले डूबा | क्यों ?
 
क्योंकि जब एंड्राइड प्लेटफार्म आया तो नोकिया से पूछा गया की भाई आप एंड्राइड सिस्टम में शिफ्ट क्यूँ नहीं कर रहे तो उन्होंने बोला की हमारे जितने भी ग्राहक हैं वो सारे के सारे सिम्बियन में हैं | वो काफी ज्यादा खुश हैं , उनको किसी भी तरह की प्रॉब्लम नहीं आ रही है तो हम शिफ्ट क्यूँ करें | उनको लगा ये एंड्राइड सिस्टम है ये भी वैसा ही होगा जैसा हमारा सिम्बियन है | क्या कर लेगा ये लेकिन उनके इस अहंकार ने बाजार ने उन्हें पूरी मार्केट से ही निकाल दिया |
 
लेकिन सैमसंग ने तुरंत एंड्राइड को अपना लिया इसी वजह से वो मार्केट में बना रहा , खैर 
 
ये दो आप्शन तो थे लेकिन जो तीसरा आप्शन इंडियन्स के लिए निकलकर आया , वो आया micromax |
micromax था तो वो इंडियन कम्पनी , भले ही फ़ोन चाइना से लेकर आ रही हो लेकिन उन्होंने अपने फ़ोन prices इतने ज्यादा competitive रखे की जो ये सैमसंग वगैरह थे वो जिस प्राइस में प्रोडक्ट दे रहे थे उसके आधे प्राइस में ये लोग उससे भी अच्छा प्रोडक्ट दे रहे थे |
 
अब micromax की अच्छी ब्रांडिंग, अच्छा प्रोडक्ट प्लेसमेंट बहुत सारी केटेगरी | हर प्राइज पॉइंट में अलग अलग फोन्स लेकर आना और advertisement का इनकी success में बहुत बड़ा पार्ट था |
 
ये सारे फैक्टर्स मिलकर micromax साल 2014 तक इंडिया की सबसे बड़ी स्मार्ट फ़ोन कम्पनी बन गई सिर्फ इंडिया की ही नहीं ये ग्लोबली टॉप 5 स्मार्टफोन कम्पनीज में से एक बन गई |
 
एक कम्पनी सिर्फ इंडिया में प्रोडक्ट बेचकर ग्लोबली , टॉप 5 स्मार्टफोन कम्पनीज में शुमार हो जाती है तो इंडिया का मार्केट पोटेंशियल आप समझ सकते हो कितना ज्यादा है !
 
और micromax का स्टार्टिंग से मोटो यही था की वो लोग masses के लिए प्रोडक्ट बनाना चाहते थे | प्रॉफिट कम रखो ज्यादा लोगों को बेचो | स्पष्ट रूप से प्रॉफिट अपने आप बढ़ जायेगा, तो इस मोटो के साथ वो लोग आगे बढ़े और 2014 तक micromax कम्पनी का टोटल इवैल्यूएशन करीब 21000 करोड़ का हो गया लेकिन micromax ने यहाँ  गलती क्या करी ! 
 
उन्होंने फ़ोन बेच दिया उनका न तो यहाँ पर कोई R & D सेंटर था न ही कोई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट थी न ही किसी तरह का सर्विस सेंटर था , बाद में उन्होंने सर्विस सेंटर बनाने शुरू कर दिए थे काफी जगहों पर लेकिन पहले यहाँ कुछ भी नहीं था | 
 
एक बार उन्होंने जब यहाँ पर फ़ोन को बेच दिया उसके बाद उन्होंने कस्टमर की कोई खबर नहीं ली तो नो सर्विसेज आफ्टर सेल , नो R & D सर्विसेज मतलब हार्डवेयर सॉफ्टवेयर इसमें किसी भी तरह का R & D नहीं था इसी वजह से जो सॉफ्टवेयर updates थे वो भी micromax के फ़ोन में बिलकुल नहीं आते थे |
 
उस वक़्त उनका सीधा सा हिसाब था बस प्रोडक्ट को लेकर आना और यहाँ पर बेच देना बाकी सिरदर्दी हमारी नहीं है इसीलिए वो फ़ोन को भी काफी हद तक सस्ता बना पा रहे थे लेकिन 2014 में शाओमी और oneplus जैसी चाईनीज़ कम्पनी की इंडियन मार्केट में एंट्री होती है और वहां से चीजें फिर एक बार बदलना start हो जाती हैं |
 
इन्होने इंडियन मार्केट में घुसने से पहले सबसे पहले अपना टारगेट बनाया micromax को की ये सबसे बड़ा हाथी है सबसे पहले इसको गिराना है तो ये चाईनीज़ कम्पनी micromax से अच्छे प्राइस में बहुत अच्छा फोन यहाँ पर इंडियन मार्केट में ऑफर करने लगी|
 
 साथ ही साथ इनकी सबसे बड़ी एडवांटेज ये थी की ये लोग एडवांस सॉफ्टवेयर लेकर आये और ये चीजें उपभोक्ताओं को काफी ज्यादा पसंद आने लगी और साथ ही आपको Mi की एक चीज हमेशा देखने को मिलेगी की उनके प्रोडक्ट की जो क्वालिटी होती है वो काफी अच्छी होती है भले ही इसके दाम कम हों | 
 
तो इसी वजह से लोग अब चाईनीज़ कम्पनी की तरफ झुकने लगे और 2014 – 2015 तक शाओमी जैसी कम्पनीज ने ऑनलाइन मार्केट में micromax को पूरी तरह से हरा दिया |
 
उस समय अमेज़न फ्लिपकार्ट बिलकुल नए नए आये थे और लोग बहुत ज्यादा ऑनलाइन शॉपिंग पर भरोसा भी नहीं करते थे लेकिन शाओमी और oneplus ने पूरी तरह से यहाँ micromax को पछाड़ दिया लेकिन फिर भी अभी micromax के पास ऑफ़ लाइन मार्केट था लेकिन तभी मार्केट में एंट्री हुई ओप्पो और विवो की और इन दोनों कंपनियों ने ऑफलाइन मार्केट में दुकानदारों को ज्यादा मुनाफा देकर micromax की कमर तोड़ कर रख दी |
 
और साथ ही साथ सेल्फी का ये जो ट्रेंड है वो भी शुरू हो चुका था यहीं पर इस चीज का तगड़ा फायदा उठाया ओप्पो और विवो ने , इसलिए इनके फ़ोन ऑफलाइन मार्केट में और भी ज्यादा बिकने लगे और उन्होंने advertisement भी बहुत अच्छे तरीके से किया , बहुत अच्छे अच्छे ads बनाये और यूथ को attract करा इस तरह से जो micromax थी हमारी इंडियन कम्पनी वो पूरी तरह से ख़त्म हो गई ऑनलाइन मार्केट में और ऑफलाइन मार्केट में भी |
 
 

 

 

 

Micromax IN 1B & IN Note 1 Indian First Buy Killer Deal

 

 

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