4 Reasons are Big Blocker in Goal Setting

4 Reasons are Big Blocker in Goal Setting

लोग अपने लक्ष्य तय, Goal Setting क्यों नहीं करते?
 
4 Reasons are Big Blocker in Goal Setting

प्रश्न बहुत ही शानदार है , अगर ” लक्ष्य को खोजना ” Goal Seek स्वयं होने वाली प्रक्रिया का नाम है तो फिर  ,केवल कुछ ही प्रतिशत लोगों के पास , स्पष्ट , लिखित , नापने योग्य और समय बद्ध लक्ष्य क्यों होते हैं ? 

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हर किसी के पास निश्चित लक्ष्य , Goal in Life क्यों नहीं होते हैं जिनके लिए व हर दिन कार्य करें और हर समय विचार करें | यह जीवन का एक बहुत ही बड़ा रहस्य है | Goal Setting 
जीतने के लिए हर इंसान में एक गुण होना ही चाहिए और वह है , निश्चित लक्ष्य Goal – यह ज्ञान की वह क्या चाहता है और उसे पाने की ज्वलंत इच्छा – नेपोलियन हिल 
 
मुझे यकीन है की चार कारणों से लोग अपने लक्ष्य Goal तय नहीं करते –

वे लक्ष्य निर्धारण Goal Setting को जरूरी नहीं समझते –

पहली बात , ज्यादातर लोगों को अहसास ही नहीं है की लक्ष्य  निर्धारण Goal Setting का मानव जीवन में कितना महत्वपूर्ण स्थान है ?  अगर आपकी परवरिश  ऐसे घर, ऐसे माहौल में हुई हो, जहाँ किसी के पास , लक्ष्य Goal नहीं रहें हों , या आप फिर ऐसे समाज में समय बिताया हो , जहाँ लक्ष्यों पर कभी बातचीत न हुई हो या उन्हें महत्त्व न दिया गया तो , युवावस्था में आने के बाद आप , लक्ष्य की शक्ति  Power of Goal से अनजान रह सकते हैं | आपको यह पता ही नहीं चलेगा की लक्ष्य तय करने Goal Setting और उसे हासिल करने की आपकी योग्यता , आपकी जिंदगी पर किसी दूसरी योग्यता से ज्यादा प्रभाव डालती है |
आपके आस पास के लोगों पर आपको गौर करना चाहिए की आपके कितने परिजनों और दोस्तों के पास स्पष्ट लक्ष्य Goal हैं और वे अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित हैं  ?

उनको पता ही नहीं की लक्ष्य कैसे तय किये जाते हैं –

लोगों के पास स्पष्ट लक्ष्य Goal न होने का दूसरा कारण है की वे जानते ही नहीं की लक्ष्य कैसे तय किये जाते हैं | इससे से भी बुरी बात कई लोग यह सोचते हैं की हमारे पास तो पहले से ही लक्ष्य हैं जबकि उनके पास वास्तव में इच्छा या सपनो की श्रृंखला भर होती है जैसे खुश रहो , खूब पैसा कमाओ या अच्छा पारिवारिक जीवन जियो |
लेकिन इन्हें लक्ष्य Goal नहीं कहा जा सकता | ये तो सिर्फ बातें हैं जो हर किसी के मुंह से आप सुन सकते हैं | लक्ष्य , इच्छा से एकदम अलग होता | यह स्पष्ट होता है , लिखित होता है और विशिष्ट होता है | इसे किसी को भी जल्दी से और आसानी से बताया जा सकता है | आप इसकी दिशा में , अपनी प्रगति का पता लगा सकते हैं | जब आप इसे हासिल कर लेते हैं या इस तक नहीं पहुँच पाते हैं तो इस बात का पता आपको लग जाता है |
यह भी संभव है की किसी बड़ी नाम यूनिवर्सिटी से , कोई अच्छी डिग्री लेने के बावजूद , आपको लक्ष्य निर्धारण Goal Setting के बारे में , एक भी घंटे का प्रशिक्षण न मिला हो | लगता है , हमारे स्कूलों और यूनिवर्सिटीज की शैक्षिक सामग्री तय करने वाले लोग , जिंदगी में सफलता हासिल करने के लिए , लक्ष्य निर्धारण Goal Setting के महत्व को लेकर बिल्कुल अंधे हैं |
और जाहिर है , अगर बालिग़ होने तक , आपने लक्ष्यों के महत्व Importance of Goals के बारे में कभी सुना ही नहीं है तो आपको पता भी नहीं होगा की ये आपके हर काम में , कितने महत्वपूर्ण हैं ?

वे असफलता से डरतें हैं – 

लोगों का अपने जीवन में लक्ष्य तय , न करने का तीसरा कारण है – असफलता का डर | असफलता से दिल को चोट पहुँचती है | यह भावनात्मक और आर्थिक दृष्टि से भी बहुत दुखदायी और कष्टकारी होती है | समाज में हर व्यक्ति कभी न कभी असफल हो चुका है | हर बार हम ज्यादा सतर्क होने और भविष्य में असफलता से बचने का संकल्प करते हैं | इसके अलावा , कई लोग अचेतन रूप से खुद को नुकसान पहुँचाने वाली भारी गलती करतें हैं | असफलता से बचने के लिए वे लक्ष्य ही तय नहीं करते | 
वे सफलता की अपनी सम्भावना से काफी निचले स्तर पर ही काम करते करते , जिंदगी गुजार देते हैं |

उनको अस्वीकृति से डर लगता है –

लोगों के पास लक्ष्य न होने का चौथा कारण है – अस्वीकृति का डर | लोग इस बात से डरतें हैं की अगर उन्होंने कोई लक्ष्य तय किया और कामयाब नहीं हो पाए , तो दूसरे लोग उनकी आलोचना करेंगे या हंसी उड़ायेंगे | यह भी एक कारण है की शुरुवात में आपको , अपने लक्ष्य गोपनीय रखने चाहिये | किसी को भी न बताएं | दूसरों को परिणाम देखने दें , उन्हें पहले से कुछ भी न बताएं | जो वो जानते ही नहीं है , उस बारे में आपको चोट नहीं पहुंचा सकते |

लक्ष्य निर्धारण Goal Setting पर ध्यान दें और शीर्ष के 3 % लोगों में शामिल हों 

मार्क मैक्कारमैक ने अपनी किताब ” व्हाट दे डोन्ट टीच यू एट हार्वर्ड बिजनेस स्कूल ” में 1979 और 1989 के बीच  हार्वर्ड में हुए एक अध्ययन के बारे में बताया है |
1979 में हार्वर्ड के एम बी ए के ग्रेजुएट्स से पूछा गया , ” क्या आपने , अपने भविष्य के लिए स्पष्ट और लिखित लक्ष्य तय किये हैं और उन्हें हासिल करने के लिए कोई उचित प्लान बनाया है ? 
पता चला की सिर्फ तीन प्रतिशत ग्रेजुएट्स के पास , स्पष्ट , लिखित लक्ष्य और उन लक्ष्यों को हासिल करने की एक सॉलिड योजनायें थी | 13 प्रतिशत के पास लक्ष्य तो थे लेकिन उनके लक्ष्य , उनके पास लिखित रूप में नहीं थे | 84 % चौरासी प्रतिशत ग्रेजुएट्स के पास , कोई स्पष्ट लक्ष्य ही नहीं थे सिवाय इसके की वो बिजनेस स्कूल से जाने के बाद गर्मियों का आनंद लेंगे |
दस साल बाद 1989 में , शोधकर्ताओं ने उन्ही ग्रेजुएट्स से दोबारा संपर्क किया | उन्होंने पाया की जिन 13 % तेरह प्रतिशत के पास अलिखित लक्ष्य थे , वे लक्ष्य न बनाने वाले चौरासी प्रतिशत 84% विद्यार्थियों से,औसतन दोगुना कमा रहे थे लेकिन इस शोध के दौरान जो सबसे आश्चर्यजनक बात सामने आई वो ये थी की हार्वर्ड छोड़ते वक़्त जिन 3 % तीन प्रतिशत विद्यार्थियों के पास स्पष्ट और लिखित लक्ष्य थे , वे बाकी सभी 97%  प्रतिशत ग्रेजुएट्स से , औसतन दस गुना ज्यादा कमाई कर रहे थे |
इन लोगों के मामले में इकलौता फ़र्क , स्पष्ट लक्ष्यों Clear Goals का था जो उन्होंने पढ़ाई पूरी करते वक़्त बनाये थे |
लक्ष्य Goal आपको अर्थ और उद्देश्य दोनों का एहसास दिलाते हैं | लक्ष्य आपको दिशा का भी एहसास दिलातें हैं | अपने लक्ष्यों की तरफ आगे बढ़ते वक़्त आप ज्यादा खुश और शक्तिशाली महसूस करते हैं और आप ज्यादा उर्जावान और प्रभावी महसूस करते हैं | आप ज्यादा कार्यकुशल, योग्य और आत्मविश्वासी महसूस करते हैं | 
लक्ष्यों की ओर उठा हर कदम , आपके इस विश्वास को बढ़ा देता है की आप भविष्य में ज्यादा बड़े लक्ष्य तय कर सकतें हैं और उन्हें हासिल भी कर सकते हैं | आज जीतने लोग भविष्य के बारे में चिंतित हैं और परिवर्तन से डर रहें हैं उतने इतिहास के , और किसी युग में नहीं रहें हैं | लक्ष्य निर्धारण Goal Setting का , एक बहुत बड़ा फायदा यह है की लक्ष्य होने पर , आप जीवन में परिवर्तन की दिशा को , नियंत्रित कर सकते हैं | लक्ष्य होने  पर , आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं की अपनी जिंदगी के ज्यादातर परिवर्तन आप खुद तय करें और वे आपकी मनचाही दिशा में हों | लक्ष्य होने पर आप हर काम को सार्थक और उद्देश्यपूर्ण बना सकते हैं |
महान यूनानी दार्शनिक अरस्तु की एक महत्वपूर्ण नसीहत यह थी की इंसान एक उद्देश्यपूर्ण प्राणी है ग्रीक शब्द टेलियास का अर्थ है – लक्ष्य Goal. अरस्तु का निष्कर्ष था की इंसान का हर काम , किसी न किसी अर्थ में उद्देश्यपूर्ण होता है | आप सिर्फ तभी खुश रहतें हैं , जब आप कोई ऐसा काम कर रहें हों , जो आपको मनचाही चीज की ओर ले जा रहा हो तो फिर बड़ा सवाल यह है, आपके लक्ष्य Goal क्या हैं ? आप किन उद्देश्यों पर निशाना साध रहें हैं ? आप दिन के अंत में कहाँ पहुंचना चाहते हैं ?
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